केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों का DA चार फीसदी बढ़ना तय, आम चुनाव से पहले फिर मिलेगा फायदा?
केंद्र सरकार के 47 लाख कर्मियों और लगभग 62 लाख पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। उनके डीए/डीआर में पहली जुलाई से चार फीसदी की बढ़ोतरी, अब लगभग तय है। वजह, श्रम ब्यूरो द्वारा जून 2023 के लिए जारी 'ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर' सूचकांक में 1.7 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अब यह सूचकांक 136.4 हो गया है। ऐसे में अब केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनरों को जुलाई, 2023 से मिलने वाले महंगाई भत्ते/महंगाई राहत में 4 प्रतिशत की वृद्धि तय है। इस बढ़ोतरी के साथ डीए/डीआर की दर 46 प्रतिशत हो जाएगी। सितंबर के पहले सप्ताह में 46 फीसदी डीए/डीआर की फाइल को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।
सीपीआई-आईडब्ल्यू सूचकांक में 1.7 अंक की वृद्धि
बता दें कि 'ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर' सूचकांक प्रत्येक माह तैयार होता है। इसके लिए देश के 88 अहम इंडस्ट्रियल सेंटरों के तहत आने वाली 317 मार्केट से डेटा एकत्रित किया जाता है। जून, 2023 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू सूचकांक में 1.7 अंक की वृद्धि हुई है। यह 136.4 की वृद्धि पिछले महीने की तुलना में 1.26 प्रतिशत ज्यादा है। एक साल पहले इसी महीने के बीच 0.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वर्तमान सूचकांक में अधिकतम वृद्धि का दबाव खाद्य और पेय पदार्थ समूह की तरफ से आया है। इन दोनों समूहों ने कुल परिवर्तन में 1.62 प्रतिशत अंक का योगदान दिया है। अगर वस्तुओं के आधार पर देखें तो चावल, गेहूं, आटा, अरहर दाल, मूंग दाल, ताजा मछली, पोल्ट्री चिकन, अंडा-मुर्गी, सेब, केला, बैंगन, गाजर, अदरक, फूलगोभी, हरी मिर्च, आलू, प्याज, टमाटर, जीरा, सुपारी, कैजुअल वियर, कैनवास जूते, बर्तन, दवा आयुर्वेदिक आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, इस वृद्धि को बड़े पैमाने पर सरसों का तेल, पाम आयल, सूरजमुखी तेल, नारियल तेल, नींबू, आम और मिट्टी के तेल आदि से सूचकांक पर दबाव डालकर रोका गया है।
बाकी के भत्ते भी 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगे
केंद्र सरकार के कर्मियों को छह माह बाद डीए/डीआर में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है। पहली जुलाई से चार फीसदी डीए में वृद्धि तय है। इसके बाद जनवरी 2024 में दोबारा से डीए में चार फीसदी की वृद्धि संभव है। ऐसा होता है तो छह माह बाद सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी। जब डीए वृद्धि का ग्राफ पचास फीसदी के पार चला जाएगा तो सातवें वित्त आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बाकी के भत्ते भी स्वत: ही 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगे। पिछले दिनों संसद में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। केंद्र सरकार इस संदर्भ में विचार नहीं कर रही। खास बात है कि सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में पे रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरुरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि पे कमीशन ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित होना चाहिए।
क्या 2026 में होगा वेतन का पुनर्निर्धारण?
पिछला वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था। उसके तीन साल बाद आयोग की सिफारिशें लागू हुई। उस हिसाब से 2026 में वेतन रिवाइज होना चाहिए। इसके लिए 2023 में आयोग का गठन होना जरुरी है। अब केंद्र सरकार, ऐसे किसी आयोग के गठन से मना कर रही है। संसद में इस मुद्दे पर जो सवाल जवाब हुए, उनमें कहा गया है कि जनवरी 2016 से जनवरी 2023 के बीच में कर्मियों के वेतन और पेंशन में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान देश में प्रति व्यक्ति आय 111 प्रतिशत बढ़ी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, मुद्रा स्फीति के कारण वेतन और पेंशन के असली मूल्य में जो कटौती होती है, उसे पूरा करने के लिए डीए/डीआर दिया जाता है। अब डीए 42 प्रतिशत हो गया है। प्रति व्यक्ति आय तीन गुणा हो गई। इसके साथ वस्तुओं के दाम भी उसी अनुरुप में बढ़े हैं। मतलब, केंद्र सरकार के कर्मी कम वेतन पर काम कर रहे हैं। पिछले तीन वेतन आयोगों की तरफ से कहा गया है कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाए तो मुद्रा स्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए भविष्य में पे रिवाइज किया जाए। जनवरी 2024 में डीए 50 के पार हो जाएगा।