रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह में जवानों के साथ मनाई होली, सशस्त्र बल के जवानों के साथ उड़ाया गुलाल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह में जवानों के साथ मनाई होली, सशस्त्र बल के जवानों के साथ उड़ाया गुलाल
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह में सशस्त्र बलों के जवानों के साथ होली मनाने के लिए पहुंचे। उन्होंने लेह में 'हॉल ऑफ फेम' पर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर बहादुरों को याद किया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सीमा पर खूब गुलाल उड़ा और मिठाइयां बंटी।

रक्षा मंत्री ने लेह में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख भारत माता का चमकता हुआ मुकुट है। यह राष्ट्रीय संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है। देश की राजनीतिक राजधानी दिल्ली है। आर्थिक राजधानी मुंबई है और तकनीकी राजधानी बेंगलुरु है, उसी तरह लद्दाख शौर्य और पराक्रम की राजधानी है।


रक्षा मंत्री ने कहा कि मौसम खराब होने के कारण सियाचिन में तैनात जवानों से नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह फिर विश्व के सबसे ऊंचे युद्धस्थल पर जाने की जरूर कोशिश करेंगे। 

रविवार को होली के पर्व पर केंद्रीय रक्षा मंत्री केंद्र शासित प्रदेश के लद्दाख के लेह में जवानों संग होली मनाने के लिए पहुंचे। लेह हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री का लद्दाख के उपराज्यपाल बीडी मिश्रा, प्रशासन व सेना के उच्च अधिकारियों ने स्वागत किया। राजनाथ सिंह के साथ सेना प्रमुख मनोज पांडे भी पहुंचे हुए हैं। 

रक्षा मंत्री ने लेह में 'हॉल ऑफ फेम' पर देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने जवानों के साथ होली मनाई। उन्हें गुलाल लगाते हुए मिठाई भी खिलाईं। देश के नागरिक अपने घरों में सुरक्षित तरीके से होली मना सकें, इसलिए सीमा पर देश की रक्षा में तैनात वीर सैनिक तैनात हैं। ऐसे में उनका मनोबल बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री यहां पहुंचे। होली का पर्व मनाते हुए जवानों ने खूब गुलाल उड़ाया और एक-दूसरे को मिठाइयां भी खिलाई।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में जवानों के साथ होली मनाने के लिए पहुंचाने वाले थे। लेकिन मौसम में हुए बदलाव के कारण उन्हें सियाचिन दौरे में बदलाव करना पड़ा। 

बता दें कि काराकोरम रेंज में लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को जमा देने वाली सर्दी और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है।

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