वित्त मंत्री से मिला अफीम किसानों का प्रतिनिधि मंडल
सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ) नई दिल्ली में अफीम नीति 2022 - 23 के संबंध में अफीम उत्पादक किसानों की विभिन्न समस्याओं के सही समाधान के क्रम में अफीम किसानों का प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला । चित्तौड़ प्रांत के अफीम संघर्ष समिति भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने बताया कि अफीम नीति 2022 _23 के संबंध में अफीम उत्पादक किसानों की विभिन्न समस्याओं के स्थाई समाधान के क्रम में। फसल वर्ष 21 _22 में सीपीएस पद्धति प्रयोग के तौर पर लागू की गई जो किसान हित में नहीं है। वह गत वर्ष सी पी एस पद्धति में जारी किए गए लाइसेंस हैं उनको इस वर्ष नियमानुसार अफीम लाइसेंस जारी किया जाए। अफीम लाइसेंस विगत वर्षों में मार्फिन के आधार पर ही दिया जा रहा है जो एक अदृश्य तत्व है मार्फिन अफीम के अंदर कितना है यह किसान को पता नहीं होता है किसान सिर्फ औसत दे सकता है अतः औसत/न्यूनतम मार्फिन 3 पॉइंट २ वह 52 औसत को आधार मानकर फसल वर्ष 22 _23 में लाइसेंस जारी किया जाए । अब तक जो भीअफीम लायसेंस थे विभिन्न कारणों से कटे हुए अफीम लाइसेंस को बहाल किया जावे । अफीम फसल मौसम आधारित फसल है शीत लहर पाला पड़ने की स्थिति व फसल जमीन पर गिरने की स्थिति में किसान अपना औसत व मार्फिन पूरा नहीं कर पाता है । अतः सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि उसके 3 वर्ष के दिए हुए औसत मार्फिन आंकलन को मानते हुए उसे लाइसेंस दिया जाए। भारत सरकार देश की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोडीन फास्फेट का आयात कर रही है। इस आयत को बंद करते हुए देश में ही अफीम के लाइसेंस अधिक दिए जाएं रुके हुए सभी लाइसेंस दिए जाएं जिसे भारत की आवश्यकता भी पूरी होगी व स्वदेशी उत्पादन भी बढ़ेगा व किसान को सबल भी मिलेगा। इस पर उच्चस्तरीय विचार होना चाहिए अफीम लाइसेंस धारक किसान की मृत्यु होने के उपरांत बहुत से बारिश किसानों के विवाद के कारण पट्टे रुके हुए हैं अतः वारिस किसानों के पट्टे उनके परिवार के बहुमत के आधार पर पट्टे जारी किए जाएं। अफीम का परीक्षण तोल केंद्र पर ही हो वह उसे ही अंतिम परिणाम माना जावे वह भ्रष्टाचार मुक्त अफीम की खेती हो ऐसी व्यवस्था विभाग व सरकार को करनी चाहिए । अफीम खरीद मूल्य कहीं वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है अतः समर्थन मूल्य की तर्ज पर अफीम का खरीद मूल्य है बढ़ाया जा कर अधिकतम 7000 हजार रूपये प्रति किलो किया जावे। एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 // 29 को पूर्णतया खत्म किया जाए। इसमें अधिकतर किसानों को झूठा फंसाया जाता है। वह अधिकतर मुकदमे झूठे निकलते हैं। इस तरह से भ्रष्टाचार को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलता है। इस पर उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर इस धारा को खत्म किया जाए जो किसान हित में नहीं है। अफ़ीम नीति हर वर्ष कि बजाय पांच वर्ष के लिए जारी हो। अफीम फसल से प्राप्त डोडा चुरा एनडीपीएस एक्ट में रखा हुआ है जबकि डोडा में 0.2 नशा होता है अतः इसे एनडीपीएस एक्ट से हटाकर स्टेट आबकारी अधिनियम में रखा जावे। जिससे किसानों का शोषण होने से बचेगा। इस मौके पर राजस्थान के सभी अफीम उत्पादक जिला इकाई चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड, उदयपुर,के अलावा इस मौके पर शिव राज पुरी प्रदेश कोषाध्यक्ष (बूंदी) ,लादू लाल जाट जिला कोषाध्यक्ष भीलवाड़ा, प्रांत मंत्री अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान प्रदेश गोपाल लाल कुमावत जिला प्रतापगढ़, सुरेश चंद धाकड़ जिलाध्यक्ष नीमच मध्य प्रदेश, गीता लाल धाकड़ जिला चित्तौड़गढ़ ,राम गोपाल धाकड नीमच मध्य प्रदेश ,अफीम उत्पादक किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश। आदि प्रतिनिधिमंडल मिला।