सेवा में समर्पित कर दिया जीवन, मदनमुनिजी के जितने गुण गाये वह कम-समकित मुनि
चित्तौड़गढ़। शक्तिमान होकर भी जो सेवक बन कर जीते हैं वह बहुत जल्दी सिद्ध होने के नजदीक पहुंचते हैं। कठिन होता है सामर्थ्य होते हुए भी सेवक बनकर जीना। हनुमानजी, गौतम स्वामी, मेवाड़ प्रवर्तक भोले बाबा पूज्य मदन मुनिजी म.सा. भी ऐसे ही महान थे जिन्होंने सेवा में जीवन समर्पित कर दिया। जो सेवा में जीवन समर्पित कर दें वह बहुत जल्दी संसार सागर के पार हो जाते हैं। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य सुमतिप्रकाश म.सा. के शिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डाॅ. समकितमुनि म.सा. ने मंगलवार को सेंती में शांतिभवन में स्थानीय श्रीसंघ की ओर से पूज्य मदन मुनिजी म.सा.की 92वीं जयंती के उपलक्ष्य आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि मदन सौभाग्य की जोड़ी ऐसे गुरु भाई की रही जिसने जहां भी रहे रंग जमाया और मेवाड़ में धर्म की ज्योत को अखंड बनाने में योगदान किया। प्रवचन में लोकेश मुनि ने कहा कि भोले बाबा मदन मुनि महारासा सहजता व सरलता की प्रतिमूर्ति थे। गायनकुशल जयवंतमुनिजी ने गीत जिनवाणी सुनकर अंतरमन से प्रस्तुति दी। प्रवचन में पूज्य जितेंद्र मुनि एवं प्रेरणाकुशल भवान्तमुनि म.सा. का भी सानिध्य रहा। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा आज भादसोड़ा पहुचेंगे।