भक्ति की कोई उम्र नहीं होती है महाराज ध्रुव भक्ति की कोई उम्र नहीं होती, राजा ध्रुव की प्रेरणा लें - वैष्णव

गुरला (हलचल)। गुरलां नेशनल हाईवे 758 बस स्टैंड स्थित बालिका स्कूल में सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवत कथा अरनिया धारडी के संत घनश्याम वैष्णव ने कथा के प्रसंग में कहा कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती हैं। गुरु की कृपा से 5 वर्ष का बालक ध्रुव अपनी मां का आशीर्वाद लेकर गुरु श्रीनाथ जी महाराज से ओम नमो भगवते वासुदेवाय का मंत्र लेकर लगातार साढ़े 5 महीने आते श्वास में भी ओम नमो भगवते वासुदेवाय जाते श्वास में भी ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करके प्रभु के दर्शन की 36000 वर्ष तक पृथ्वीपुर राज्य का सुख भोगने का आशीर्वाद वरदान दिया जिससे आज की आने वाली युवा पीढ़ी को यह मैसेज लेना चाहिए। भागवत कथा में सबसे ज्यादा जरूरत आज की युवा पीढ़ी को है जो कथा में आना चाहिए आज भी धु्रव बालक का नाम धु्रव नक्षत्र के नाम से जाना जाता है। सुबह 4 बजे ब्रह़म मुहूर्त में संत महात्मा का दर्शन करके अपने भक्ति और जीवन की शुरुआत करते हैं वे लोग स्वर्ग में जगह पाते हैं।