भीलवाडा जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर जैन मुनि दीक्षा

भीलवाडा जैन समाज के इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर जैन मुनि दीक्षा
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भीलवाड़ा हलचल। 15 अक्टूबर का सूर्य भीलवाडा दिगम्बर जैन समाज के लिए नई गौरवमयी किरणों के साथ उगेगा, जब भीलवाडा जैन समाज के किसी व्यक्ति को इतिहास में प्रथम बार दिगम्बर जैन मुनि दीक्षा प्रदान की जायेगी। आचार्य पुलकसागर महाराज के कर कमलों से चन्द्र शेखर आजाद नगर निवासी हुकमचन्द एवं विमलादेवी के 25 वर्षीय पुत्र प्रदीप भैया को गुजरात के वापी से 30 किमी दूर जिनश्रमण पावन धाम तीर्थ पर दीक्षा का भव्य कार्यक्रम होगा। इनके साथ जबलपुर के सुभाष एवं विजय भैया को भी मुनि दीक्षा प्रदान की जाएगी।

वर्ष 1930 में दक्षिण भारत में आचार्य शांतिसागर महाराज ने मुगल एवं अंग्रेज शासन के दौरान विलुप्त हुई दिगम्बर जैन मुनि परम्परा को पुनः जाग्रत किया। लेकिन पिछले 200 वर्षो में भीलवाडा से एक भी श्रावक दिगम्बर मुनि नही बना है। प्रदीप भैया दीक्षा के बाद नया मुनि नाम प्राप्त कर भीलवाडा नगर गौरव कहलायेगें।

प्रदीप भैया के पिता हुकमचन्द ने बताया कि प्रदीप में बचपन से ही धार्मिक संस्कार थे। पुलकसागर महाराज के भीलवाडा प्रवास के दौरान उनके सम्पर्क में वर्ष 2014 में गृहस्थ जीवन छोडकर ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर मुनि संघ के साथ निकल गये। 2017 में जैन परम्परा के प्रतिमाधारी श्रावक बने।

दीक्षा से पूर्व प्रदीप भैया ने रविवार को भीलवाडा आकर परिवार एवं समाज से औपचारिक अनुमति प्राप्त की। सोमवार को शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड में निर्यापक मुनि विद्यासागर महाराज ससंघ से आर्शीवाद प्राप्त किया। चन्द्र शेखर आजाद नगर जैन समाज ने सोमवार सायं तीनों दीक्षार्थियों की गोद भराई कर सम्मान किया एवं विनतियों का आयोजन हुआ। मंगलवार सुबह हुकमचन्द के निवास स्थान से दीक्षार्थी की भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी, जो कि मंदिर जी में जाकर सम्पन्न होगी।

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