कोरोना से लड़ने वाला डाक्टर हार गया जिंदगी, दिल का दौर पड़ने से मौत
इंदौर में हार्टअटैक के मामले लगातार बढ़ रहे है। शीतलहर के समय दिल का दौर पड़ने से ज्यादा मौतें सामने आ रही है। इंदौर में एक डाक्टर की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
कोरोना की दोनो लहरों में इंदौर के एमआरटीबी अस्पताल में लगातार ड्यूटी देने वाले डा.आरएस जाट की दिल का दौर पड़ने से मौत हो गई। वे महू के एक सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे और चंदन नगर क्षेत्र में एक अस्पताल भी संचालित करते थे। ४२ वर्ष की उम्र में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और जान चली गई। परिजनों के अनुसार वे रात को अस्पताल में थे। नाइट ड्यूटी कर वे सुबह घर पर आए थे और खाना खाया था।
सुबह उन्हें घबराहट हुई तो अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉ. जाट के मित्र डा.आनंद राय ने कहा कि डा.जाट एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्र थे और काफी जुझारु थे। कोरोनाकाल में उन्होंने उपचार कर कई मरीजों को ठीक किया और लगातार संक्रमित मरीजों के बीच ड्यूटी करते थे। उम्मीद नहीं थी कि वे इतनी जल्दी दोस्तों का साथ छोड़ जाएंगे।
ज्यादा वजनी था दिल
डॉ आर एस जाट के शव का पोस्टमार्र्टम करने वाले जिला अस्पताल के फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. भरत वाजपेयी ने कहा कि जाट के लिए का वजन ५०० ग्राम के करीब था। ज्यादा वजन के दिल में दिल का दौर पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। इस तरह के दिल को आक्सीजन अधिक लगती है और अटैक आने पर मौत का जोखिम भी बढ़ जाता है।
हार्टअटैक फाइल फैक्ट
-इंदौर में 3200 से ज्यादा लोगों की मौत दो साल में हार्टअटैक की वजह से हो चुकी है।
-30 से 40 वर्ष के युवा भी आ रहे है दिल के रोग की चपेट में अा रहेे हैै।
-शराब और सिगरेट के सेवन से अटैक का जोखिम ज्यादा रहता है।
- ज्यादा ठंड होने पर दिल का दौरा पड़ने के चासेंस ज्यादा रहते हैै।
- 40 से ज्यादा उम्र के व्यकि्त जिम में भी ज्यादा कसरत न करे। खुद को फिट रखने के लिए एक्साइज करे।