कांग्रेस में एंट्री से पहले ही वरुण गांधी के लिए दरवाजे बंद, राहुल गांधी ने दिया यह बड़ा बयान

कांग्रेस में एंट्री से पहले ही वरुण गांधी के लिए दरवाजे बंद, राहुल गांधी ने दिया यह बड़ा बयान
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल हो सकने की अटकलों के बीच राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनके चचेरे भाई और कांग्रेस की विचारधारा में बहुत अंतर है। उन्होंने साथ ही घोषणा की कि यदि कोई उनका ‘‘गला भी काट दे'', तो भी वह ‘‘आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के कार्यालय नहीं'' जाएंगे।

राहुल गांधी ने कई मामलों को लेकर भाजपा की अक्सर आलोचना करने वाले वरुण गांधी को लेकर कहा, ‘‘मैं उनसे मुलाकात कर सकता हूं, उन्हें गले लगा सकता हूं, लेकिन मैं उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता। यह असंभव है।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक समय में वरुण ने उस विचारधारा को अपनाया था, शायद अब भी उसे मानते हैं, इसलिए मैं उसे (विचारधारा को) स्वीकार नहीं कर सकता।'' राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा' के इतर यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं आरएसएस के कार्यालय कभी नहीं जा सकता। आप मेरा गला काट सकते है, लेकिन मैं नहीं जाऊंगा। मेरे परिवार की एक विचारधारा है, उसकी अपनी एक विचार प्रणाली है।'' उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वरुण भाजपा में हैं और यदि वह यात्रा में शामिल होते हैं, तो उन्हें समस्याओं का सामना पड़ेगा, यानी भाजपा आपत्ति कर सकती है।

एक सवाल पर राहुल ने कहा कि वरुण गांधी ने एक बार उनसे कहा था कि आरएसएस अच्छा काम कर रहा है। कांग्रेस नेता ने याद किया कि तब उन्होंने अपने चचेरे भाई से कहा था कि अगर उन्होंने अपने परिवार के बारे में पढ़ा और समझा होता, तो उन्होंने ऐसी बात नहीं कही होती। वरुण गांधी संजय और मेनका गांधी के बेटे हैं।

बताते चलें कि वरुण गांधी समय-समय पर अलग-अलग मुद्दों को लेकर अपनी ही मोदी सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी उनके निशाने पर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले वरुण गांधी ने बेरोजगारी, किसानों से संबंधित मुद्दे जमकर उठाए थे। वरुण ने किसान आंदोलन के समय भी मोदी सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर जमकर हमला बोला था। वरुण गांधी इस वक्त भाजपा में हाशिए पर चल रहे हैं। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका पत्ता भी कट सकता है। गौरतलब है कि वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव 2009 में सुल्तानपुर से ही लड़ा था। 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी सीट बदल दी गई और पीलीभीत से सासंद चुने गए।

कैसे हैं गांधी परिवार से रिश्ते
वरुण गांधी परिवार में प्रियंका गांधी के बेहद करीब माने जाते हैं। लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी से उनके रिश्ते ठीक नहीं बताए जाते हैं। वरुण गांधी की जब शादी हुई थी, तो उसमें भी गांधी परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ था। वरुण गांधी की मां मेनका गांधी केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं और अभी पीलीभीत से सांसद हैं। गांधी परिवार के साथ उनके रिश्ते काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं।

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