बढ़ते संक्रमण के डर से वैक्सीन लगवाने अस्पताल पहुंच लोग, इतने फीसदी लोगों का हुआ टीकाकरण

बढ़ते संक्रमण के डर से वैक्सीन लगवाने अस्पताल पहुंच लोग, इतने फीसदी लोगों का हुआ टीकाकरण
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सरकार के कोविन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आता है कि 15 मार्च तक सात दिनों में 45,029 लोगों ने टीके लगवाए। 31 मार्च तक यह आंकड़ा 38 फीसदी बढ़कर 62,339 पहुंच गया...

कोविड-19 महामारी के ओमीक्रोन प्रकार के नए उप प्रकार एक्सबीबी.1.16 (ओमीक्रोन XBB.1.16) के भारत में दस्तक देने के बाद से ही संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। इसके साथ ही टीकाकरण केंद्रों पर लोग बूस्टर खुराक लगवाने पहुंच रहे हैं, जिसे उन्होंने नहीं लगवाया था। हाल के दिनों में देश में साप्ताहिक टीकाकरण के आंकड़ों में तेजी नजर आ रही है।

सरकार के कोविन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आता है कि 15 मार्च तक सात दिनों में 45,029 लोगों ने टीके लगवाए। 31 मार्च तक यह आंकड़ा 38 फीसदी बढ़कर 62,339 पहुंच गया। सप्ताहांत पर अक्सर टीकाकरण में कमी आती है, इसलिए सात दिनों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया, ताकि सहजता से निष्कर्ष निकाले जा सकें। सप्ताहांत के आंकड़ों को हर दिन के आंकड़ों में शामिल किया गया, ताकि अधिक सटीक तुलना की जा सके। कोविड संक्रमण के मामले 30 सितंबर 2022 के बाद के शीर्ष पर नजर आ रहे हैं। रविवार को 3,824 नए मामले सामने आए, इससे पहले पिछले साल 30 सितंबर को 3,947 मामले सामने आए थे।

26 मार्च से एक अप्रैल के बीच उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण दर यानी प्रति 100 जांचों में संक्रमित पाए जाने वालों की दर कुछ जिलों में दो अंकों में पहुंच गई है। दिल्ली में कई जिलों में ऐसा देखने को मिल रहा है। दक्षिणी दिल्ली में यह दर 21.55 फीसदी, पूर्वी दिल्ली में 21.15 फीसदी और मध्य दिल्ली में 17.77 फीसदी है। महाराष्ट्र के मुंबई में यह दर 16.9 फीसदी और तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में 11.23 फीसदी रही।

बढ़ते मामले देख अस्पतालों ने शुरू की तैयारी

इधर, राजधानी दिल्ली में बढ़ते मामले देखते हुए सरकार और अस्पताल भी सतर्क होकर तैयारियों में जुट गए हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या को बढ़ा दिया है, जबकि अस्पतालों ने अपने ऑक्सीजन और पीएसए संयंत्रों की पड़ताल कर ली है। इसके अलावा कुछ निजी अस्पताल ऑक्सीजन संयंत्र की संख्या के साथ साथ कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ा रही है। निजी अस्पतालों ने अपने सभी प्रमुखों की बैठकर बुलाकर हर हालात के लिए तैयार रहने को कहा है। देश में अगर वायरस का स्वरूप बदलता है, तो अस्पताल प्रबंधन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा पर्याप्त पीपीई किट, ऑक्सीजन और दवाएं को भी एकत्र करने में जुट गए हैं।

सतर्कता के साथ मास्क फिर हुआ जरूरी

कोविड-19 मामलों के में अचानक तेजी के बीच विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा है कि कोविड मामलों में वृद्धि को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है, उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे लोगों को मास्क पहनने और सार्वजनिक समारोहों में जाने से बचने की सलाह भी दी है। महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि संक्रमण और बीमारी के बीच स्पष्ट अंतर है। इसका मतलब है कि लोग परीक्षण करा रहे हैं, लेकिन उनमें कोविड के लक्षण नहीं हैं। उन्होंने बताया वायरस के नए एक्सबीबी 1.6 वैरिएंट के कारण नए मामलों में वृद्धि हुई है। यह फ्लू का मौसम है और हमें कमजोर आबादी की रक्षा करनी चाहिए। हम मौसमी बीमारियों में इसी तरह की गिरावट या वृद्धि देखेंगे और हमें तैयार रहने की जरूरत है।

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