किन कारणों से कार का इंजन होता है ओवरहीट, जानें सफर के बीच में किस तरह रहें सुरक्षित
अगर लंबे समय तक कार के साथ लापरवाही बरती जाती है। तो कार में कुछ परेशानियां सामने आने लगती हैं। हम इस खबर में आपको ऐसी ही एक परेशानी की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि किन कारणों से कार का इंजन ओवरहीट होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
लापरवाही से होती है परेशानी
कार में इंजन सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें कई तरह के पार्ट्स लगे होते हैं। जो सही से काम करें तो ही कार को बिना परेशानी चलाया जा सकता है। लेकिन अगर लापरवाही बरती जाती है तो इनमें से किसी भी पार्ट में परेशानी आने लगती है। आमतौर पर कार ओवरहीट होने की समस्या काफी परेशान कर सकती है।
कैसे होती है कार ओवरहीट
कार के इंजन के ओवरहीट होने के दो मुख्य कारण होते हैं। पहला कारण होता है कार को ज्यादा तापमान में चलाना। यानि कि अगर बेहद गर्मी के समय पर कार को चलाया जाता है तो सामान्य तापमान के मुकाबले कार का इंजन ज्यादा जल्दी गर्म होता है। इसके साथ ही दूसरा कारण यह होता है कि अगर कार को लगातार लंबे समय तक चलाया जाए तो भी ओवरहीट हो जाता है।
ओवरहीट होने पर करें यह काम
अगर आपकी कार ओवर हीट हो जाती है तो सबसे पहले कार को सुरक्षित जगह पर रोकें। कार को रोकने के बाद करीब आधा घंटे तक इंजन बंद कर दें। ऐसा करने पर इंजन को ठंडा होने पर सही तापमान पर आने में मदद मिलेगी। इसके लिए आप रोड पर किसी ढाबे या रेस्टोरेंट पर रोक सकते हैं।
इंजन ठंडा होने पर करें यह काम
कभी-भी चालू कार में रेडिएटर की कैप को नहीं हटाना चाहिए। क्योंकि रेडिएटर का काम इंजन को ठंडा रखना होता है। रेडिएटर में इंजन को ठंडा करने के लिए कूलेंट डाला जाता है और यह कूलेंट चलती हुई कार में अपना काम करता है जिससे यह भी काफी ज्यादा गर्म होता है। अगर रेडिएटर की कैप को खोलने की कोशिश की जाए तो उसमें काफी प्रैशर होता है और वह काफी तेजी से बाहर निकलता है। जिससे आपके हाथ, मुंह, सिर सहित शरीर के कई हिस्सों पर जलन हो सकती है। अगर इसे खोलना हो तो पहले कुछ देर कार को बंद करें और इंजन ठंडा होने के बाद ही इसे खोलकर चेक करें।
लीकेज का रखें ध्यान
कार के सभी हिस्से सही से काम कर रहे हैं और कार में कूलेंट भी है तो फिर कम चांस होते हैं कि कार ओवरहीट हो। ऐसा होने पर कार के कूलेंट को भी चेक करना चाहिए कि कहीं से कूलेंट लीक ना हो। लीक होने पर कार से धीरे-धीरे कूलेंट कम हो जाता है और रिजर्व कूलेंट भी खत्म हो जाता है जिससे इंजन ओवरहीट होता है।