विभिन्न मांगों को लेकर ई-मित्र सेवा संस्थान ने सौंपा ज्ञापन
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ ई-मित्र सेवा संस्थान द्वारा ई-मित्र संचालकों को आ रही विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी को पृथक-पृथक ज्ञापन सौंपे गए। अध्यक्ष रवि कोठारी ने बताया कि राजस्थान में 79 हजार 95 ई-मित्र वर्तमान में संचालित है तथा जिले में 1844 ई-मित्र संचालित है, जिनके परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन ई-मित्र हैं। जिस कारण सभी ई-मित्र संचालकों को दुकान खर्चों के बाद परिवार को चलाना बड़ा मुश्किल हो रहा हैं एवं भारी आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ रहा हैं। कोठारी ने बताया कि संस्थान द्वारा ई-मित्र कियोस्क धारक को सरकार से किसी भी प्रकार का इन्सेन्टिव प्राप्त नही होता है, जबकि दरे निर्धारण का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। ई-मित्र कियोस्क को 1 आवेदन करने में लगभग 30 से 35 मिनट का समय लगता है उसके लिए मात्र 50 रूपये की राशि निर्धारित है। प्रत्येक ऑनलाईन आवेदन पर शुल्क 150 रुपये निर्धारित करने, ई-मित्र संगठनो को एपेक्स कमेटी में शामिल करने, ई-मित्र संचालक को न्यूनतम मानदेय प्रदान करने, 1500 रुपये का मानदेय व 500 रुपये यात्रा भत्ता देने, आर.जी.एच.एस. में शामिल करने, ई-मित्र प्रशिक्षण केन्द्र खोले जावें एवं परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी, ई-मित्र कियोस्क का आवंटन सरकार द्वारा सीधे करने, ई-मित्र पर कॉ-बेनर रेट लिस्ट न होने पर विभाग द्वारा ई-मित्र संचालको के हजारो रुपये की पेनाल्टी लगाई जाती है एवं अनावश्यक बिना ठोस सबूत के अन्य शिकायत पर ई-मित्र संचालक का लाईसेंस निरस्त कर दिया जाता है। उक्त शिकायत की सफाई भी ई-मित्र वालो की नही सुनी जाती है इसलिये रेट लिस्ट निर्धारण निरस्त किया जावे तथा ई मित्र सेवाओं से सम्बन्धित जितने भी कार्यालय है उनको समय पर कार्य के लिए पाबन्ध किया जाये जिससे आम जनता का कार्य समय पर पूर्ण हो सके और जनता का विश्वास ई-मित्र व सरकार पर बना रहे।