भारत-बांग्लादेश में भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 5.6 दर्ज हुई तीव्रता
नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 9.05 बजे दोनों देशों में 5.6 तीव्रता के भूकंप से जमीन कांपी। अभी तक दोनों ही देशों में इस भूकंप से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
पड़ोसी देश बांग्लादेश में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह 9 बजकर पांच मिनट पर लोगों ने झटके को महसूस किया। भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.6 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई था। झटका महसूस करते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
आज यानी शनिवार सुबह को भारत के भी कुछ हिस्सों में धरती कांपी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, आज सुबह देश के उत्तरी क्षेत्र लद्दाख में भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। हालांकि, इन दोनों जगहों से अभी तक भूकंप से किसी भी जानमाल के नुकसान होने की कोई सूचना सामने नहीं आई है।
क्यों आता है भूकंप ?
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब अधिक दवाब बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर केवल सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है। 2 से 2.9 रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है। 3 से 3.9 रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए ऐसा महसूस होता है। 4 से 4.9 रिक्टर पैमाने का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। 5 से 5.9 रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है। 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारत की नींव दरक सकती है।
7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें जमींदोज हो सकती हैं और जमीन के नीचे बिछे पाइप फट सकते हैं। 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप आने पर बड़ी से बड़ी इमारतें और विशाल पुल भी ढ़ह सकते हैं। 9 और उससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप का मतलब है संपूर्ण तबाही। अगर किसी समंदर के किनारे इतनी तीव्रता वाला भूकंप आता है तो सुनामी आ जाएगा।