हंगामे के बीच अटका स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव, सदन में हाथापाई, एक दूसरे पर फेंकी बोतलें
दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर मिलने के बाद स्थायी समिति का चुनाव हंगामे की भेंट चढ़ गया। समिति की वोटिंग के लिए सदस्यों को मोबाइल लेकर जाने की अनुमति प्रदान की गई, जिसका भाजपा के पार्षदों ने पुरजोर ढंग से विरोध किया। आरोप लगाया कि सदस्य वोट देने के बाद बैलेट पेपर की फोटो खींच रहे हैं। इसके बाद हंगामा बढ़ गया। इस दौरान करीब 43 सदस्य वोटिंग कर चुके थे।भाजपा ने मोबाइल के साथ हुई वोटिंग रद्द करने को लेकर भी हंगामा किया। देर रात तक दोबारा वोटिंग को लेकर फैसला नहीं हो सका। वहीं हंगामे के बीच आप और भाजपा पार्षदों ने एक दूसरे के साथ हाथापाई की। पानी की बोतलें फेंकी।
सदन की कार्यवाही के दौरान मेयर की चेयर पर आने के बाद शैली ओबेरॉय ने एक घंटे के लिए सदन को स्थगित किया और दोबारा लौटने पर स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव कराने की बात कही। करीब दो घंटे के बाद शैली चेयर पर लौटीं और चुनाव की प्रक्रिया शुरू कराई। उन्होंने स्थायी समिति की वोटिंग के लिए सदस्यों को मोबाइल लेकर जाने की अनुमति प्रदान की। इसका भाजपा के पार्षदों ने विरोध किया। कुछ देर के बाद भाजपा के पार्षदों ने फिर से विरोध किया कि सदस्य वोट देने के बाद बैलेट पेपर की फोटो खींच रहे हैं। यह वोटिंग कराने असंविधानिक तरीका है।
सदन में हंगामा बढ़ गया, तब तक सदन में 43 सदस्यों ने वेटिंग कर ली थी। करीब डेढ़ घंटे तक सदन में हंगामा चलता रहा। रात को आठ बजे तक स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया था। इस बीच निगम सचिव भगवान सिंह ने मेयर शैली ओबरॉय को कागज दिखाए कि मोबाइल के साथ वोटिंग की अनुमति नहीं है। इसके बाद मेयर ने बिना मोबाइल के वोटिंग का आदेश दिया, लेकिन इस पर भाजपा के पार्षदों ने कहा कि ऐसे में पहले मोबाइल के साथ हुई वोटिंग अनधिकृत है, इसे रद्द किया जाए। देर रात तक यह फैसला नहीं हो पाया था कि वोटिंग दोबारा होगी या वहीं से आगे बढ़ेगी।
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