विद्युत कर्मचारियों ने निजी करण के विरोध मंे किया प्रदर्शन
चित्तौड़गढ़। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वृत्त के अधीनस्थ सहायक अभियंता शहर प्रथम और द्वितीय चित्तौड़गढ़ एवं निम्बाहेड़ा शहर के विद्युत उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग, बिलिंग, केश कलेक्शन एवं विद्युत लाइनों के मेंटेनेंस एवं 18 किलोवाट एवं उससे ज्यादा विद्युत भार वाले उपभोक्ताओं का कार्य जो वर्तमान में निगम में कार्यरत कर्मचारी कर रहे हैं, जिनको ठेके पर दिया जा रहा है, जिससे विद्युत कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो रहा है। इसके विरोध में गुरूवार को संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विद्युत कर्मियो द्वारा राजस्थान राज्य धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत व जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एवं अधीक्षण अभियंता को प्रबंधनिदेशक अजमेर डिस्कॉम के नाम ज्ञापन सोपा गया जिसमे जिले से सैकड़ो कर्मचारी उपस्थित हुवे जिनके द्वारा निगम प्रबंधन के खिलाफ विरोध स्वरूप नारिबाजी की गई। विमल चंद जैन ने बताया कि ठेके पर दिए जाने वाले कार्य जिसमें मीटर रीडिंग, कैश कलेक्शन, बिलिंग, लाइन मेंटेनेंस का ठेका प्रति उपभोक्ता प्रतिमाह राशि 150 प्रति उपभोक्ता दिया गया है व उक्त तीनों उपखंडों में लगभग 49 हजार उपभोक्ता है, जिस पर लगभग 9 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष व्यय होगा, साथ ही 18 किलोवाट से ज्यादा भार वाले लगभग 3500 उपभोक्ता हैं, जिनका इस कार्य के लिए निगम ने 5 लाख 25 हजार प्रति माह पर ठेके पर दिया जाना हैं और वर्तमान में इन सभी कार्यो को निगम कर्मी पूर्ण लगन व निष्ठां से कर रहे है। इसके बावजूद लगभग 9 कीरेड़ 05 लाख 25 हजार करोड़ रूपए में ठेके पर देने का औचित्य मात्र ठेकेदारों को एवं उच्चाधिकारियों को लाभ पहुचाना हैं व विद्युत कर्मियों की लगन व निष्ठां को ठेस पहुंचाकर निगम को घाटे में ले जाना हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि निजीकरण के इस आदेश को निरस्त नही किया गया तो विद्युत कर्मचारी कोई सख्त कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे और उससे होनी वाली किसीभी प्रकार की अशान्ति, जनाक्रोश व हानि के लिए निगम प्रबंधन जिम्मेदार होगा।