हरी सेवा सनातन मंदिर स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न
चित्तौड़गढ़, मूलचन्द पेसवानी
रविवार माघ पूर्णिमा के पवित्र दिन पर बोजुंदा में जय झूलेलाल रिसोर्ट के यहां पर हरी सेवा सनातन मंदिर की स्थापना बड़े ही हर्षोल्लास से हुई। बोजुंदा स्थित मंदिर में चित्तौड़गढ़ के समाजसेवी व धर्म प्रेमी रमेश चंचलानी की ओर से मंदिर का निर्माण और प्रतिमाओं की स्थापना की।
श्रीचंद बाबा, बाबा हरिराम साहेब, बाबा शेवाराम साहिब, बाबा गंगाराम साहेब, गुरु नानक देव, शिव परिवार ,राधा कृष्ण भगवान, गजानन स्वामी, कालिका माता, मां दुर्गा, पंचमुखी बालाजी, शनि देव, सिंधी समाज के इष्टदेव झूलेलाल साईं जी की मूर्ति का बड़े ही विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा की गई।
इसमें पंडित सत्यप्रकाश के साथ मथुरा वृंदावन से आए 11 पंडित की टीम ने हवन यज्ञ कर विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा करवाई।
इसमें भीलवाड़ा के संत महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन के निर्देशानुसार प्राणप्रतिष्ठा संपन्न हुई।
कार्यक्रम के अंतर्गत
साईं लेहणाराम साहब कुटिया पर भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन के कर कमलों द्वारा श्रीचंद सिद्धांत सागर की स्थापना की गई।
श्रीचंद धाम चित्तौड़गढ़ के महंत साईं गुरदास साहिब भी उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम श्रीचंद धाम चित्तौड़गढ़ में श्रीचंद सिद्धांत सागर की स्थापना की गई। तत्पश्चात वहां से मर्यादापूर्वक श्रीचंद सिद्धांत सागर, लेहणाराम साहेब की कुटिया पर ढोल नगाड़ों के साथ लाए गए। यहां पर भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन ने प्रथम पाठ अध्ययन कर विधिवत रूप से श्रीचंद्र सिद्धांत सागर की स्थापना की। हंसराम उदासीन ने सारे सिंधी समाज को संदेश दिया कि सिंधी सनातनी है और पूर्ण रूप से समझाया किस प्रकार सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित सिंधी समाज सिंधी सनातनी है। कार्यक्रम में भीलवाड़ा के स्वामी मायाराम साईं, गोविंदराम साईं, मिहिर, दादी चंद्रा ,आशा आहूजा ,मनोज मैथानी समाज की बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई।