बारिश भी नहीं धो पाई दिल्ली का प्रदूषण, AQI आने के बाद दूसरा सबसे प्रदूषित नवंबर
नई दिल्ली: 2015 में एक्यूआई सिस्टम आने के बाद यह नवंबर अब तक का दूसरा सबसे प्रदूषित नवंबर रहा है। 12 सालों बाद नवंबर में इतनी बारिश हुई है। इसके बावजूद भी नवंबर में प्रदूषण ने लोगों को खूब परेशान किया। इस बार नवंबर में गंभीर दिनों की संख्या 9 रही। इनमें दो दिन प्रदूषण का स्तर मेडिकल इमरजेंसी पर भी रहा। साथ ही इस बार नवंबर में मॉनिटरिंग स्टेशनों ने भी राजधानी वालों का साथ कई बार छोड़ा। एक बार तो स्थिति यह रही कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अपना एयर बुलेटिन ही बदलना पड़ा। वहीं एक दिन महज 19 मॉनिटरिंग स्टेशनों के आधार पर एक्यूआई जारी हुआ।
बारिश भी नहीं धो पाई दिल्ली का प्रदूषण
बारिश होने के बाद कुछ मौकों पर राजधानी में प्रदूषण स्तर में कमी जरूर आई लेकिन यह खराब के नीचे नहीं पहुंच सका। इस बार सितंबर में ही प्रदूषण ने बढ़ना शुरू कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार प्रदूषण के लिहाज से जनवरी दूसरा सबसे प्रदूषित माह होता है। अभी तो पूर्वानुमान के मुताबिक हवाएं कमजोर हो सकती हैं। इसकी वजह से प्रदूषण भी एक बार फिर लोगों को परेशान कर सकता है।
नवंबर की शुरुआत से ही प्रदूषण
इस बार दो नवंबर से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता दिखाई दिया। 2 नवंबर को एक्यूआई 392 के स्तर पर पहुंच गया। फॉग न होने की वजह से इस दिन राजधानी में स्मोक रहा। 3 से 9 नवंबर के बीच एक्यूआई लगातार गंभीर स्तर पर रहा। इसमें तीन नंवबर को एक्यूआई 468 और 5 नवंबर को 454 रहा। इसके बाद 8 और 9 नवंबर को यह गंभीर स्तर पर रहा। फिर 16, 17 और 24 नवंबर को प्रदूषण गंभीर रहा। इसके अलावा आठ दिन ऐसे रहे जब एक्यूआई 390 से 400 के बीच रहा। यानी कुल 17 दिनों तक राजधानी के लोगों ने जानलेवा प्रदूषण झेला। 2021 में 11 दिन गंभीर स्तर का प्रदूषण रहा था। इसमें दो दिन प्रदूषण मेडिकल इमरजेंसी पर रहा। दो दिन प्रदूषण 390 से 400 के बीच रहा। यानी लोगों ने सबसे प्रदूषित नवंबर 2021 में भी जानलेवा प्रदूषण महज 13 दिन झेला था।
दो सबसे प्रदूषित नवंबर का आकलन
- 2023 नवंबर में 9 दिन प्रदूषण गंभीर स्थिति में रहा। वहीं 8 दिन गंभीर के करीब (एक्यूआई 390 से 400 के बीच) रहा। इस तरह लोगों ने 17 दिन जानलेवा प्रदूषण झेला। दो दिन एक्यूआई 468 और 454 रहा।
- 2021 सबसे प्रदूषित नवंबर में 11 दिन प्रदूषण गंभीर स्थिति में रहा। दो दिन यह गंभीर के करीब (390 से 400 के बीच) रहा। इस तरह लोगों ने 13 दिन जानलेवा प्रदूषण झेला। दो दिन एक्यूआई 462 और 471 रहा।