अफीम से दूध संग्रहण करने में जुटे किसान, अफीम में रोग व मौसम की मार का असर

सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ):- सवाईपुर कस्बे सहित सोपुरा, सालरिया, बड़ला, बनकाखेड़ा, खजीना, होलिरडा, जित्यास, आकोला, रेण, आदि गांवों में अफीम यानी काला सोना की खेती की जाती है, इन दिनों अफीम की फसल में डोडे पर चीरा लगाकर दूध संग्रहण करने का कार्य चल रहा है | सवाईपुर क्षेत्र में अफीम की पैदावार होती है और इसको लेकर किसान बड़ी ही मेहनत करता है, तब जाकर अफीम की खेती की जाती है, क्योंकि सबसे महत्वपूर्ण फसल में से एक है अफीम जिसका कार्य सरकार की देखरेख में होता है और अफीम महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि इसका उपयोग दवा बनाने एवं अन्य महत्वपूर्ण प्रयोग के लिए भी किया जाता है |
सवाईपुर क्षेत्र में अफीम की फसल की पैदावार होती है साथ ही अफीम किसान समय-समय पर इसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहते हैं, क्योंकि अफीम की फसल को बचाने के लिए किसानों को कई प्रकार के हथकंडे भी अपनाने पड़ते हैं, ताकि फसल को सुरक्षित रखा जा सके |
अफीम किसान लगातार अफीम के उत्पादन पर ध्यान दे रहे हैं एवं लुगाई की राय का कार्य क्षेत्र में शुरू हो गया है लुगाई चिराई से पहले किसान अफीम प्लांट पर जाते हैं जहां पर अफीम हो ही गई है वहां पर पूजा अर्चना की जाती है उसके बाद किसान भगवान से अच्छी पैदावार के लिए प्रार्थना करता है | किसान सुखदेव कुमावत ने बताया कि शाम के समय में लोहे की पती जिसे नुक्का कहते हैं, उसे डोडे पर चीरा लगाया जाता है, चीरा लगाने के बाद डोड़े से निकलने वाला अफीम तरल पदार्थ रात भर ठंड से गाढ़ा हो जाता है, इसके बाद अगले दिन सुबह सूर्योदय के साथ वापस अफीम के दूध को संग्रहण करने का औजार लोहे का जिसको खुरपला कहते हैं, उससे दूध को एकत्रित करते हैं, इसके बाद एक बर्तन में दिनभर एकत्रित हुई अफीम का वजन लंबरदार को बताते हैं और वह रजिस्टर में अंकित करते हैं |
अफीम का दो शिफ्ट में होता है काम
अफीम की खेती के लिए किसान दो शिफ्ट में काम करता है दिन में 3:00 से 5:00 के बीच में किसान चिराई का काम करते हैं और उसके ठीक अगले दिन लुहाई का काम किया जाता है, जिसका समय सुबह 7:00 से 11:00 के बीच होता है |
इनका यह कहना
क्षेत्र में अफीम की लुगाई चिरई का कार्य चालू हो गया, मौसम परिवर्तन व बादलों के कारण दूध नहीं छोड़ रही, क्योंकि यह फसल मौसम आधारित है | अफीम के लिए बादल नहीं होना चाहिए, साथ ही दिन का तापमान 10-15 डिग्री व रात का तापमान 25 डिग्री के आसपास होना चाहिए |
बद्रीलाल तेली अफीम संघर्ष समिति भारतीय किसान संघ प्रदेश अध्यक्ष
चिरा चालू हो गया इस बार थोड़ी कमी रहेगी, बारिश की वजह से मौसम खराब है, डोडा जाने लगे हैं, सरकार जो दूध लेती वह भी मुश्किल से बैठ पाएगा, बादल छाने से अफीम दूध नहीं छोड़ रही हैं |
रतन कुमावत अफीम काश्तकार
कुछ दिनों से लुगाई चालू है, अफीम में बीमारी भी चल रही है, बादल छाने से दूध कम आ रहा है, पट्टा बचाना मुश्किल है, सरकार कुछ फायदा करें |
नारायण जाट अफीम काश्तकार