वित्त मंत्री बोले- परिवहन क्षेत्र पर सबसे अधिक खर्च किया, विश्वस्तरीय शहर बनाना लक्ष्य

वित्त मंत्री बोले- परिवहन क्षेत्र पर सबसे अधिक खर्च किया, विश्वस्तरीय शहर बनाना लक्ष्य
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सदन में वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के दौरान कहा कि दिल्ली को एक समावेशी, सबके लिए समान सुविधा संपन्न और बेहतर जीवन योग्य विश्वस्तरीय शहर बनाने और नागरिकों की आकांक्षा पूरी करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है। 

2022-23 में योजना, कार्यक्रम और परियोजना बजट आवंटन में परिवहन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई और कुल बजट का 20 प्रतिशत इस क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया, इसके बाद शिक्षा क्षेत्र के लिए 17 प्रतिशत, जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए 15 प्रतिशत और चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य के लिए 13 प्रतिशत बजट आवंटित किया गया। वर्ष 2022-23 का दिल्ली सरकार ने 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें 43,600 करोड़ रुपये सरकार की स्कीम, कार्यक्रम और परियोजना के लिए आवंटित किया गया था। यह आवंटन बजट अनुमान के आधार पर 2021-22 के 37,800 करोड़ रुपये से 5800 करोड़ रुपये अधिक था।

सेवा क्षेत्र का योगदान अधिक
दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान सर्वेक्षण में दर्ज किया गया है। 2022-23 के दौरान प्रचलित मूल्यों पर सकल राज्य मूल्यवद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 84.84 प्रतिशत है। इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 12:53 और प्राथमिक क्षेत्र का योगदान दिल्ली की अर्थव्यवस्था में 2.63 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इसी तरह राजस्व आधिक्य में स्थिति बरकरार है। वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर अनंतिम 3270 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में 1450 करोड़ रुपये था। जीएसडीपी की बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष में 0.36 प्रतिशत था जो बजट अनुमान के अनुसार बढ़कर 0.73 प्रतिशत हो गया है। बकाया ऋण के मामले में भी अच्छी स्थिति सर्वेक्षण में है। 2011-12 में सरकार पर 29608.28 करोड़ रुपये का बकाया था जो इसके जीएसडीपी के 8.61 प्रतिशत के बराबर था। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2022 तक बकाया ऋण राशि 41481.50 करोड़ रुपये थी, जिसमें ऋण-जीएसडीपी अनुपात 4.59 प्रतिशत पर आ गया है।

निशुल्क पानी योजना का 2139 लाख लोग उठा रहे लाभ
सरकार की 20 किलोलीटर तक पानी निशुल्क उपलब्ध कराने की योजना का 2139 लाख उपभोक्ता लाभ उठा रहे हैं। अनधिकृत कॉलोनियों के 96 प्रतिशत को नियमित जलापूर्ति के दायरे में लाया गया है। दिल्ली के लगभग 93 प्रतिशत घरों में अब पाइप के जरिये जलापूर्ति हो रही है। गर्मियों के दौरान जल उत्पादन 956 एमजीडी प्रतिदिन पर बनाए रखा जा रहा है।

चार स्तरीय स्वास्थ्य सेवा मॉडल पर सरकार कर रही काम
दिल्ली सरकार चार स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा मॉडल लागू कर रही है। मोहल्ला क्लीनिक व पॉलिक्लीनिक से प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके बाद छोटे व मल्टी स्पेशिलिएटी अस्पतालों का नंबर आता है। 31 मार्च 2022 को 89 अस्पताल, 48 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1621 औषधालय, 128 मैटरनिटी होम और उप केंद्र, 44 पॉलिक्लीनिक, 1050 नर्सिंग होम 508 विशेष क्लीनिक और 19 मेडिकल कॉलेज दिल्ली में उपलब्ध थे। इसके अलावा 38 मल्टीस्पेशलिएटी और सुपर स्पेशलिएटी अस्पताल, 167 एलोपैथिक औषधालय, 58 सीड प्राथमिक शहरी स्वास्थ्य केंद्र, 517 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, 30 पॉलिक्लीनिक, 49 आयुर्वेदिक औषधालय 22 यूनानी औषधालय, 108 होम्योपैथी औषधालय और 50 स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक नागरिकों को स्वास्थ्य उपचार सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

 

इसके अलावा सूचीबद्ध निजी स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क रेडियोलॉजिकल नैदानिक सेवाएं और निशुल्क सर्जरी शुरू की है। सड़क दुर्घटना, तेजाब से हमला व जलने की घटना के पीड़ितों का भी उपचार दिल्ली आरोग्य कोष से किया जा रहा है। शिशु मृत्युदर, नवजात मृत्युदर, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर संकेतकों के संदर्भ में दिल्ली 12, 9 और 14 के स्तर पर है जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह क्रमश 28, 20 और 32 है। दिल्ली में चिकित्सा संस्थाओं 1163 सरकारी और प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में स्वीकृत बिस्तरों की संख्या बढ़कर 58.980 हो गई, जबकि 31 मार्च 2021 तक 58,156 बिस्तर उपलब्ध थे।

 

विदेशी पर्यटकों की हिस्सेदारी में दिल्ली तीसरे स्थान पर
निर्माण क्षेत्र से दिल्ली में आय 2011-12 के 18,907 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 39,897 करोड़ रुपये हो गई। दिल्ली विदेशी और घरेलू पर्यटकों के लिए प्रमुख शहर है। इंडिया टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस 2022 के अनुसार, 2021 में कुल विदेशी पर्यटकों के आगमन में दिल्ली 9.50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर रही। दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग वर्ष 2011-12 के 5028 मेगावाट से बढ़कर 2021-22 में 7323 मेगावाट हो गई है। कचरे से ऊर्जा संयंत्र लगाने का काम प्रगति पर है, भलस्वा में 15 मेगावाट का संयंत्र और गाजीपुर में मौजूदा संयंत्र का विस्तार कर 8 मेगावाट का बनाने का विचार सरकार कर रही है। एमसीडी और एनटीपीसी ने 12 मेगावाट का कमर से ऊर्जा संयंत्र लगाने का संयुक्त उद्यम तैयार किया है। दिल्ली के 6,864 स्थानों पर सितंबर 2022 तक 244 मेगावाट की सौर प्रणालियां स्थापित की गई हैं।

 

वन क्षेत्र बढ़ा तो कृषि क्षेत्र सिकुड़ा
सरकार की पहल से 2021 में वन और वृक्षों से घिरे क्षेत्र का दायरा दिल्ली में बढ़ा है। अब यह क्षेत्र 342 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इससे क्षेत्र में वनों का हिस्सा बढ़कर 23.06 प्रतिशत हो गया है। वन क्षेत्र रिपोर्ट 2021 के अनुसार सात प्रमुख बड़े शहरों में दिल्ली का वन क्षेत्र सबसे अधिक 194.24 वर्ग किलोमीटर है, इसके बाद मुंबई का 110.77 वर्ग किलोमीटर और बंगलूरू का 89.02 वर्ग किलोमीटर है। राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में दिल्ली का वृक्ष क्षेत्र चंडीगढ़ के बाद दूसरा है। चंडीगढ़ में 13.16 प्रतिशत है तो दिल्ली में 9.91 प्रतिशत। दिल्ली में कुल सकल फसल क्षेत्र बढ़कर 2021-22 में 47,850 हेक्टेयर हो गया है। 

 

सड़कों पर मोटर वाहनों की संख्या घटी
2021-22 में डीटीसी बसों में दैनिक औसत यात्री संख्या 1562 लाख और क्लस्टर बसों में 9.87 लाख थी। 2021-22 में दिल्ली में सड़कों पर मोटर वाहनों की कुल संख्या 79.18 लाख थी, जिसमें 35.38 प्रतिशत की कमी दिख रही है क्योंकि दिल्ली सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। डीटीसी शहर के 461 रूटों पर और एनसीआर के 7 रूटों पर 4010 बसें परिचालित करती हैं। इसके अलावा 3319 बसें क्लस्टर योजना के तहत चलाई जा रही है। रात्रि सेवा के लिए 27 रूटों पर 88 बसें चलाई जाती हैं। 30 रूटों पर व्यस्ततम समय के दौरान 30 महिला स्पेशल बसें भी चलाई जा रही हैं।

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