एक घर से पांच नरकंकाल बरामद; पांच साल से गायब था परिवार, पड़ोसियों को नहीं लगी भनक

कर्नाटक के चित्रदुर्ग में गुरुवार की रात को एक घर से पांच लोगों का कंकाल मिला। पुलिस अंदाजा लगा रही है कि उनकी मौत 2019 के आसपास हुई होगी। फिलहाल पुलिस इस मामले की जंच में जुट चुकी है। इस मामले को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है कि बिना किसी को पता लगे उनकी मौत कैसे हो गई। साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इतने साल बाद भी पड़ोसियों को घर में कंकाल होने की भनक कैसे नहीं पड़ी। फिलहाल उनके मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच से मालूम चला है कि शव लगभग पांच साल तक घर के अंदर था। इस घटना की जानकारी एक व्यक्ति ने दी जो खाली पड़े इमारत को देखने गया था और तभी उसकी नजर एक कंकाल पर पड़ी। उसने तुरंत एक पत्रकार को इसके बारे में बताया।
घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस
चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार मीना ने कहा, गुरुवार की रात करीब नौ बजे एक पत्रकार ने हमें इस घटना की सूचना दी। हमारे अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि घर का मुख्य द्वार टूटा हुआ था। इसके बाद फॉरेंसिक विशेषज्ञों और अपराध जांच विभाग को बुलाया गया। मरने वालों की पहचान 80 वर्षीय जगन्नाथ रेड्डी, उनकी पत्नी पेमक्का और उनके तीन बच्चे त्रिवेनी, कृष्णा और नरेंद्र के तौर हुई है। मुख्य द्वार से घर के भीतर प्रवेश करते ही चार कंकाल मिले, उनमें से दो बिस्तर पर थे और दो जमीन पर पड़े मिले। पांचवा कंकाल दूसरे कमरे के जमीन पर पड़ा मिला। अधिकारी ने बताया कि छनबीन के बाद घर के दस्तावेज बरामद हुए, जिससे पता चलता है कि यह घर जगन्नाथ रेड्डी का था।
