देवझूलनी एकादशी पर गंभीरी तट पर उमड़ा श्रृद्धा का सैलाब

देवझूलनी एकादशी पर गंभीरी तट पर उमड़ा श्रृद्धा का सैलाब
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चित्तौड़गढ़। देवझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर सोमवार को संध्या वेला में शहर की जीवन रेखा गंगा सम गंभीरी तट पर श्रृद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा, जहां शहर के विभिन्न क्षेत्रों से दो दर्जन मंदिरो की झांकिया एंव बेवाण हजारों श्रृद्धालुओं के साथ पहुचंे। विभिन्न मंदिरों से ठाकुर जी के चल विग्रह को बेवाण में विराजित कर बैंड बाजो व ढोल की थाप पर नांचते गाते नर नारी अबीर गुलाल उड़ाकर भजनानंदी स्वर लेहरियों के साथ ठाकुर जी को जल में झूलाने पहुचें, जहां अलग-अलग बेवाण से प्रतिमाओं को जल में स्नान करवाकर झूलाते हुए जयकारें लगाये गये, तत्पश्चात पुनः बेवाण में विराजित कर महाआरती की गई। इस दौरान सभी बेवाण के साथ आये भक्तों सतरंगी अबीर गुलाल से भगवान संग होरी खेलकर आनोंदत्सव मनाया। भक्ति के इस विहंगम दृश्य को देखने के लिये नदी तट पर भारी भीड़ उमड़ी। इन बेवाणों को पुनः सम्बन्धित मंदिरों की ओर ले जाया गया, जहां मंदिर में पहुंचने पर भक्तों द्वारा अगवानी के बाद एक बार फिर पूजा, अर्चना एंव आरती कर महाप्रसाद का वितरण किया गया। जलझूलनी एकादशी के मौके पर नदी तट पर भीड़ को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल के साथ ही नगर परिषद की ओर से गौताखोर तथा सुरक्षा के प्रबंध किये गये थे। 
 

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