अहिंसा का पालन करना वीतराग उत्तम संयम धर्म- पं. विवेक शास्त्री

भीलवाड़ा। सुपाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हाऊसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर में पर्यूषण के छठें दिन उत्तम संयम धर्म पर बताते हुए पं. विवेक शास्त्री ने बताया कि आत्मस्वभाव की श्रद्धा-ज्ञानपूर्वक शुभाशुभ इच्छाओं को रोककर आत्मा में एकाग्र होना ही परमार्थ (निश्चय) से उत्तम संयम धर्म है। संयम धर्म वीतराग भाव रूप है। व्यवहार संयम भी अहिंसा/सदाचार के पालन करने में आवश्यक है। गृहस्थ की भूमिका में रहते हुए भी हम प्राणी संयम का पालन करते हुए, ब्राहा्र पर्यावरण प्रदूषण के निवारण में भी सहायक बन सकते है। संयम, राग-द्वेष, रूप अन्तरंग प्रदूषण को भी नष्ट करने में समर्थ है।
मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि मुख्य शांतिधारा का सौभाग्य गुणमाला देवी पंकज बडज़ात्या परिवार को मिला। उत्तम संयम धर्म पर अर्घ समर्पित किये गये। सांयकाल की जिनेन्द्र-भगवान मंगल आरती के साथ महाआराधना की गयी।
समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि आज दोपहर सुपाश्र्वनाथ मंदिर में समाज द्वारा धुप क्षेपण किया गया, उसके बाद सुपाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हाउसिंग बोर्ड से सुपाश्र्वनाथ जागृति मंच के तत्वाधान में दोपहर 2.15 बजे अहिंसा (दुपहिया वाहन रैली) रैली निकाली गई।
नियमित प्रात: 6.15 बजे जिन अभिषेक, 7 बजे नित्य नियम पूजन, 8 बजे दशलक्षण धर्म की पूजा मण्डल विधान की सामुहिक पूजा मय भक्ति संगीत के साथ आयोजित हो रही है। पूजा का संचालन पं. पदमचन्द काला ने किया।