अमृत महोत्सव के तहत किला व कहानिया उत्सव प्रारम्भ

अमृत महोत्सव के तहत किला व कहानिया उत्सव प्रारम्भ
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चित्तौड़गढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अंतर्गत आजादी का अमृत महोत्सव की थीम सांस्कृतिक गर्व की प्रस्तुति का किला एवं कहानियां उत्सव अनुपम उदाहरण है। जिसके तहत साहित्य, संस्कृति, कला, पुरातत्व एवं इतिहास का जो समन्वय पेश किया जा रहा है, उससे निश्चित ही आमजन तक प्रधानमंत्री मोदी के अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करने के विजन का संदेश पहुंचेगा। ये विचार कुंभा पैलेस में वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर, उदयपुर और आर्काेलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, जोधपुर मंडल के संयुक्त तत्वावधान एवं जिला प्रशासन के सहयोग से शुक्रवार से शुरू हुए किला एवं कहानियां उत्सव में वाटर कलर कैंप और फड़ आर्ट वर्कशॉप के आगाज के मौके पर विभिन्न विद्वानों ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर मेवाड़ विश्वविद्यालय के प्रो आनंदवर्धन शुक्ला ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का कोई सानी नहीं। इसके लिए उन्होंने मोहन जोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि न सिर्फ कला और संस्कृति अपितु विज्ञान एवं तकनीक में भी हम अन्यों से कहीं आगे हैं। 
जिला प्रमुख डॉ सुरेश धाकड़ ने इस आयोजन की सराहना करते हुए आश्वस्त किया कि जब भी ऐसा आयोजन चित्तौड़गढ़ ग्रामीण में होगा, हम पूर्ण सहयोग करेंगे। मोहनलाल सुखाड़िया विवि, उदयपुर के विजुअल आटृर्स के प्रो मदन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि सुसंस्कृत एवं लोक भाषाई भारत एक हो। इसे साकार करने के लिए सभी उन्नत और समृद्ध भारत का मार्ग प्रशस्त करें। मेवाड़ विवि के फाइन आर्ट विभाग की अध्यक्ष एवं डीन डॉ. चित्रलेखा सिंह ने पुरातत्वविद केके मोहम्मद से जुड़े संस्मरण सुनाए। एडीएम अभिषेक गोयल ने आयोजन को यहां की सांस्कृतिक विरासत को आमजन तक पहुंचाने का बेहतरीन प्रयास बताया। इससे पूर्व स्वागत संबोधन में वेस्ट जोन कल्चरल सेंटर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की पहल पर यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जन-जन तक पहुंचाने के उदृेश्य से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आर्ट कैंप और फड़ कला कार्यशाला के प्रतिभागियों से कहा कि चित्तौड़ के दुर्ग जैसी वर्ल्ड हेरिटेज साइट पर खुले में पेंटिंग करना एक अद्भुत अनुभव है। उन्होंने वाटर कलर पेंटिंग्स और फड़ कला पर भी विस्तार से बात की। इस दौरान वाटर कलर कैंप और फड़ कला कार्यशाला के प्रतिभागियों और कलाकारों ने अपना परिचय दिया। वाटर कलर कैंप और फड़ कला कार्यशाला 30 तक चलेगी। वाटर कलर कैंप में 22 और फड़ कला कार्यशाला में 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। फड़ कला वर्कशॉप में मनोज जोशी और छीतरमल प्रतिभागियों को इस आर्ट की बारीकियां बता रहे हैं। वहीं, वाटर कलर कैंप में नामचीन कलाकार अनुराग मेहता और कैप्टन प्रफुल्ल हुडेकर पेंटिंग्स का लाइव डेमो दे रहे हैं।
 

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