ठगी का आरोपी पारीक दोबारा गिरफ्तार

ठगी का आरोपी पारीक दोबारा गिरफ्तार
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कटक जेल में 38 दिन रहने के बाद नयापल्ली भुवनेश्वर पुलिस ने जगदीश पारीक को चोद्धार जेल, कटक से गिरफ्तार कर लिया। ओडिशा हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत देते हुए दीप्ति मिश्रा के 10 लाख नकद जमानत राशि जमा करवाने, चालान पेश होने तक हर महीने पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने और चालान के बाद हर तीन महीने में अदालत के सामने पेश होने का आदेश सुनाकर 10 लाख रुपये और स्टाम्प लिया है। लेकिन 38 दिन के बाद कटक जेल से जमानत पर छूटते ही अब भुवनेश्वर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और अपनी हिरासत में ले लिया।

 रोबो स्मार्ट लैब प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक जगदीश पारीक को 12 जुलाई को मरकट नगर कटक की पुलिस ने जयपुर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया था। नयापल्ली भुवनेश्वर में सुनील पटेल ने 29 जून 2023 को एफआईआर संख्या 284 दर्ज करवाकर खुद के साथ धोखाधड़ी से 30 लाख रुपये हड़पने, फर्जी डिग्रियों, फेक प्रोफाइल, कूट रचित जाली प्रमाण-पत्र की धारा-420, 468, 471 और 34 के तहत आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी के तहत उसे दोबारा से कटक जेल के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया।


पांच साल में 20 से ज्यादा ऑफिस बदलकर और फर्म-कंपनियां खोलकर अपने पार्टनरों से भी धोखा
जगदीश पारीक हेल्प इंडिया ऑनलाइन फाउंडेशन का भी फाउंडर है, जिस पर आरोप है कि करीब पांच साल में 20 से ज्यादा कार्यालय बदलकर, 20 से ज्यादा फर्म और कंपनियां खोलकर अपने पार्टनरों को धोखा देने से लेकर लाखों निवेशकों को फर्जी न्यूरोसाइंस कोच की डिग्रियां, हेलन किलर और रोबो स्मार्ट लैब की फ्रेंचाइजी देकर करोड़ों रुपये आरोपी ने ठग लिए हैं। आरोपी जगदीश के खिलाफ देश भर के अनेकों राज्यों में एफआईआर दर्ज हैं।

राष्ट्रवाद के नाम पर इमोशनल ब्लैकमेल करने और शिक्षा के नाम पर फर्जी मानद डिग्रियां दिखाने का आरोप
भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने और जय मां भारती से अपने भाषणों की शुरुआत कर जनता को इमोशनल ब्लैकमेल करके शिक्षा के नाम पर मानद डॉक्टरेट, न्यूरोसाइंस मेटास्किल कोच बनाने के लिए DGT के फेक सर्टिफिकेट, स्कील विभाग और ILD के लोगों का प्रयोग करके फेक प्रमाण-पत्र के साथ खुद की प्रोफाइल में बड़ी-बड़ी संस्थाओं में पदाधिकारी, अमेरिका से शिक्षित और IBM यूनिवर्सिटी से खुद को गोल्ड मेडलिस्ट ये आरोपी बताता था। इसकी प्रोफाइल में पिता को राजस्व अधिकारी बताया हुआ है, जबकि वो नागौर जिले के जायल में अर्जी निवेश ही थे।

जयपुर में भी शिप्रा पथ, श्याम नगर और चित्रकूट थाने में दर्ज है FIR
जयपुर में शिप्रा पथ, श्यामनगर और चित्रकूट थाने में दर्ज FIR के अलावा देश में अनेकों जगह आरोपी के खिलाफ परिवाद शिकायतें दर्ज हैं। इससे पूर्व जयपुर में एक पीड़ित महिला वीनू सिसोदिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुलिस महानिरीक्षक सहित अधिकारियों को पत्र लिखकर श्याम नगर पुलिस थाने में 29 अक्टूबर 2022 को दर्ज FIR संख्या 540/22 की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया था। साथ ही लिखा कि मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है। आरोपी जगदीश पारीक के फेक सर्टिफिकेट, फेक प्रोफाइल के विषय में और अन्य लोगों के साथ की जा रही लूट के बारे में भी उन्होंने बताया है। वीनू सिसोदिया ने लिखा कि जगदीश पारीक नामक व्यक्ति के द्वारा दिए गए घोटालों, अवैध नेटवर्किंग व्यवसाय, फर्जी प्रोफाइल और फर्जी सर्टिफिकेट की आड़ में करोड़ों की लूट और फर्जीवाड़े कर चलाए जाने वाले संस्थानों के बारे में पूर्ण सबूत दिए हैं। 

सामाजिक संस्थानों की आड़ में भी बड़ी लूट की जा रही है। इसमें आरोपी के फर्जी संस्थानों के बारे में भी बताया है। यूपीआई वॉलेट, बैंक खाते खोलना और बंद करना इसका मुख्य कार्य है। इनकी जांच अति आवश्यक है। सिसोदिया ने लिखा कि ये भी जांच करवाएं कि इनको किसका संरक्षण मिला हुआ है। लगातार इतनी शिकायतों के बाद भी जगदीश पारीक आज भी क्रिप्टो करेंसी, अवैध नेटवर्किंग व्यवसाय, फर्जी सामाजिक पद, अवैध सामाजिक संस्थानों को खोलकर सोशल मीडिया के मार्फत जमकर प्रचार और लूट करता है। DGT, MSME और ILD के साथ फर्जी मानद डॉक्टर डिग्रियों का फर्जीवाड़ा खुले आम कर रहा है। इन सभी को इन विभागों ने अपनी वेबसाइटों में डालकर जाली प्रमाण-पत्र घोषित किया है, लेकिन ये नाम बदलकर डिग्रियां आज भी बांट रहा है।

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