जालसाज,देते हैं ऐसा लालच खुद को रोक नहीं पाते पीड़ित

चीन व हांगकांग में बैठे जालसाज बैंक, कार्यालय व अन्य जगहों पर ठगी का शिकार बनाने के बाद अब भारत में घरों में बैठे लोगों की जेब से मोटी रकम निकाल रहे हैं। ये लोग को घर बैठे पार्ट टाइम नौकरी से मोटी रकम कमाने का लालच देते हैं। ठगी के इस तरीके को ऑनलाइन टास्किंग कहा जाता है। ऑनलाइन टास्किंग के तहत एक तो यू-ट्यूब या किसी चीज को लाइक करवाया जाता है और लाइक पर पैसे का लालच देकर ठगी करते हैं। इसके अलावा घर बैठे काम देने के नाम पर ठगी करते हैं।
खास बात ये है कि ऑनलाइन टॉस्किंग के जरिये ठगी की रकम जिन बैंक खातों में जा रही है उन बैंक खातों में एक ही दिन में चार करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हो रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जालसाज घर बैठे पैसे कमाने का विज्ञापन देते हैं।
ये टेलीग्राम, व्हाटसएप, मैसेज व फेसबुक के जरिये पार्ट टाइम जॉब व घर बैठे अधिक पैसे कमाने का लालच देते हैं। पीड़ित व्यक्ति इनके द्वारा दिए गए मैसेज व लिंक पर संपर्क करता है। जालसाज पीड़ित से उसकी पूरी जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद वह यू-ट्यूब चैनल व अन्य किसी चीज को लाइक करने के लिए कहते हैं। पीड़ित जब लाइक कर देते हैं तो आरोपी पीड़ित के बैंक खाते में कुछ पैसे भेज देता है। कुछ समय तक लाइक करते रहने के बदले ये पैसे देते रहते हैं। इसके बाद ये पीड़ित को एक ग्रुप में जोड़ लेते हैं और उसे सदस्यता व अन्य बहाने से रकम लेते रहते हैं। ये पीड़ित से मेंबरशिप के नाम पर 1000 रुपये लेते हैं तो उसे 1500 रुपये भेजते हैं।
इस तरह ये पीड़ित से एक से डेढ़ लाख रुपये लेना शुरू कर देते हैं। ये पीड़ित से अपने बैंक खाते में पैसे जमा करा लेते हैं। ये पीड़ित का एप पर ऑनलाइन डिजिटल अकांउट बना देते हैं। इसमें पीड़ित की ओर से जमा की गई कुल रकम तो दिखती है, मगर वह निकाल नहीं सकते।
व्हाट्सएप ग्रुप में ज्यादातर जालसाज के लोग रहते हैं
पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी पीड़ित को जिस व्हाट्सएप व टेलीग्राम गु्रप में जोड़ते हैं उसमें ज्यादातर जालसाजों के ही लोग जुड़े होते हैं। वह पीड़ित को फंसाने के लिए गु्रप में लिखते रहते है कि उसने इतने पैसे कमा लिए, फलाने ने लाइक कर इतने पैसे कमा लिए। इससे पीड़ित को भरोसा हो जाता है कि वह मोटी रकम कमा सकता है।
नटराज पेंसिल पैकिंग के नाम पर करते हैं ठगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के अधिकारियों के अनुसार जालसाज ऑनलाइन टास्किंग के तहत ठगी के कई तरीके अपना रहे हैं। एक तरीका ये भी सामने आया था कि जालसाजों ने नटराज पेसिंल की पैकिंग के नाम पर ठगी की। ये घर बैठे पैसा कमाने का लालच देकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम व गूगल पर मैसेज देते हैं। जब कोई पीड़ित इनसे संपर्क करता है तो ये पीड़ित को आगे बात करने के लिए व्हाट्सएप नंबर देते हैं। ये पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए अपना नटराज का फर्जी परिचय पत्र भी पीडि़त को भेजते हैं। इसके बाद ये पीडि़त से 650 रुपये, आधार कार्ड व एक पासपोर्ट साइज फोटो मंगाते हैं। इसके बाद ये पीड़ित से यूपीआई से और पैसे मांगते हैं। पैसे लेने के बाद ये गायब हो जाते हैं।
पिछले कुछ महीनों में शिकायतें बढ़ी हैं
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन टॉस्किंग जालसाजी की शिकायतें पिछले कुछ महीने में बढ़ी हैं। गृहमंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर ही पिछले कुछ महीनों में 200 से ज्यादा शिकायत दर्ज हो चुकी हैं।
आईएफएसओ 50 लाख से ज्यादा की ठगी की जांच करती है
आईएफएसओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईएफएसओ 50 लाख से ज्यादा की ठगी के मामलों की जांच करती हैं। इससे कम की ठगी की रकम की जांच जिलास्तर पर की जाती है। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली पुलिस के हर जिले में साइबर पुलिस स्टेशन खोले गए हैं।
हवाला व क्रिप्टो के जरिए ठगी की रकम को बाहर भेजा रहा है
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घर बैठे पैसे कमाए व घर बैठे अधिक पैसे कमाए के विज्ञान चीन व हांगकांग की तरफ से भेजे जाते हैं। चीनी जालसाज पर कॉल सेंटर चलाकर ठगी कर रहे है। दक्षिण जिले में ऑनलाइन टास्किंग के ठगी करने वाले जालसाजों के एक बैंक खाते की जांच पर पता लगा कि ये एक दिन में एक ही बैंक खाते में तीन से चार करोड़ का लेन-देन हुआ है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार ठगी की ये रकम हवाला के जरिए चीन व अन्य देशों में भेजी जा रही है।
