पटवारी से लेकर तहसीलदार तक 2 दिन के सामूहिक अवकाश पर ,कामकाज ठप
भीलवाड़ा( प्रह्लाद तेली)। राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के आह्वान पर समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार कानूनगो पटवारी गिरदावर 2 दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए जिससे राजस्व से जुड़े सारे कामकाज ठप हो गए हैं सरकार द्वारा किए गए समझौते की पालना नहीं होने के विरोध में राजस्व विभाग के कर्मचारी ने यह कदम उठाया है.
प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू होने के साथ इस अभियान की मुख्य कड़ी राजस्व विभाग के पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार परिषद की हड़ताल पर चले गए और मुख्यालय पर धरना दे दिया है। इन शिविरों से 21 सरकारी महकमों से जुड़ी समस्याओं का मौके पर ही समाधान होने की बात कही जा रही है, लेकिन राजस्व विभाग के कार्मिकों के हड़ताल पर जाने पर सीमा ज्ञान, आबादी विस्तार, भूमि आवंटन संबंधी कई काम अटक रहे हैं।
ऐसे में शिविर सफल होते नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल, राजस्व विभाग के घटक पटवार संघ, कानूनगों संघ, नायब तहसीलदार और तहसीलदार बीते कई वर्षों से समय-समय पर हड़ताल, धरना-प्रदर्शन करते रहे हैं। इस दौरान सरकार व संघ के बीच में कई बार सहमति बनकर लिखित समझौते भी हुए, लेकिन सरकार ने उसे लागू नहीं किया है।
ये हैं सात मांगें
राजस्व सेवा परिषद की मांगों में नायब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नति पर घोषित करना। सीधी भर्ती के आर.टी.एस. को सीधे तहसीलदार पद पर संस्थित करना। तहसीलदार सेवा के पद 50 प्रतिशत पदोन्नति से एवं 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरना। पटवारी, भू अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार का कैडर पुनर्गठन कर आवश्यकतानुसार नवीन पद सृजित किया जाना। भू अभिलेख निरीक्षक व पटवारी के पदों का फील्ड में 1:3 अनुसार गठन करना। RAS कैडर का रिव्यू करवाये जाने तथा तहसीलदार से RAS के जूनियर स्केल में रिक्त पदों को डी०पी०सी०/ तदर्थ पदोन्नति से भरे जाना। पटवारी व भू अभिलेख निरीक्षक के लिये स्थाई स्पष्ट स्थानान्तरण नीति बनाये जाने का निर्णय सहित सातवीं मांग पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार के वेतनमान का पुनर्निर्धारण, की रखी गई हैं।
चार अक्टूबर 2021 को हुआ समझौता, आज तक लागू नहीं
पटवार संघ ने बताया कि राजस्थान सेवा परिषद व राज्य सरकार के मध्य तारीख 4 अक्टूबर 2021 को हुए समझौता हुआ था, जिसे आज तक लागू नहीं किए जाने के विरोध में राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले जिले की तहसील/ उपखंड मुख्यालयों पर गुरुवार से शुक्रवार तक दो दिन का धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन में राजस्थान सरकार पूर्व में हुए समझौते को लागू नहीं करती है तो 24 अप्रैल से प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।