शहर की और से...

शहर की और से...
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अखबार और शहर में खबर है कि भीलवाड़ा भाजपा में अबकी बार खुलकर विरोध है.. पहले दबी जुबां चर्चाएं थी कि परिवर्तन होना चाहिए था … अब धीरे धीरे सब खुलकर बोलने लगे है।

भीलवाड़ा प्रोग्रेसिव शहर है। प्रगति कर रहा है। लेकिन ये रफ्तार और बढ़नी चाहिए थी। यह औद्योगिक नगरी है तो यहां के उद्योग पर,  शहर के विकास पर, यातायात व्यवस्था पर,  कानून व्यवस्था पर.. और शहर की समस्याऔ पर जनता अपने विधायक से उसी तरह अपेक्षा रखती है जैसे भारतीय जनता.. क्रिकेट में विराट कोहली से रखती है..
सीधी सी बात है… कि जिन्है भी, जिस हेतु चुना जाये… वो उस पर खरे उतरे.. बस।

हांलाकि उधर कोहली तो अपना काम तगड़ा कर रहा है। 
  
खैर.. ,एक विधायक के पास लोग हजार समस्याएं लेकर आते है, व्यक्तिगत भी..  और दूसरी तीसरी भी..  इधर शहर की भी अपनी कई समस्याएं होती है। और यह भी सच है  कि विधायक के पास कोई जादू की छडी नहीं होती कि सब समस्याऔ को पल भर में छू मन्तर कर दे । 

लेकिन किसे प्राथमिकता देनी है.. और कैसे निदान करना है ..यह बहुत महत्व रखता है..  साथ ही जनहित में क्या जरूरी है..  शहर के लिए क्या अच्छा है .. समय के साथ साथ समस्याएं बढती भी है और बदलती भी है.. इन सब पर भी नजर होनी चाहिए.. 

ये सब विधायक जी को देखना ही चाहिए.. जनता के बीच जाते रहना.. उनसे संवाद बनाये रखना…ये जुड़ाव चाहिए, आप लीडर होते है शहर के।

बेशक उन सभी काम को भी बताना चाहिए जो आपके कार्यकाल में हुए है.. लेकिन आप कहने लगेगें कि चंबल का पानी हम लेकर लाये हैं तो फिर यहां से गड़बड शुरू हो जाती है। 

उद्योग के साथ ये कला का शहर भी है.. मैं उद्योग के बारे में कम जानता हूं।  एक कलाकार हूं और बरसों से चाहता हूं कि शहर में एक कला सांस्कृतिक केन्द्र भी होना चाहिए। 

यहां आर्ट गैलरी की तो खैर छोड़िये.. एक हाॅल मे फर्श की टाईल्स के लिए हमने कई बार निवेदन किया था कि ये हाॅल भी ठीक हो गया तो एक जगह हो जायेगी कला प्रदर्शनी के लिए.. 

लेकिन आपने उसके लिए भी उसी तरह आश्वासन दिये जैसे पथिक नगर में बारिश के पानी के भराव की गंभीर समस्या के वक्त यहां के लोगों को दिये थे..

मुझे याद है..  उस वक्त काॅलोनी में घुटनों तक भरे पानी के बीच कुर्सी लगाकर चाय पी थी आपने… फोटो भी छपा था अखबार में.. 
रिजल्ट क्या हुआ ??  

उम्मीद तो यह थी कि ऐसी बातों पर आपके कुछ स्टेटमेंट होगें… समाधान नहीं हो पाने के वाजिब कारण बतायेगें.. और ये उम्मीद भी थी कि आप आगे होकर कहेगें कि इस बार फिर टिकट मिला है तो वो सब काम जो तीन बार के कार्यकाल में नहीं हो सके.. इस बार जनता के साथ मिलकर पूरा करेगें.. 
लेकिन आपके स्टेटमेंट है कि ..."विरोधी तो विरोध ही करेगें… " 
सर.. ये आपके परिवार के लोग है… आपको बात करनी चाहिए .. परिवार से भी और शहर की जनता से भी।
 
बहरहाल सूत्र बताते है उपर के नेतृत्व ने यहां के कार्यकर्ताऔ की नाराजगी, आक्रोश, इस डमैज को दूर करने की जिम्मेदारी स्थानीय भाजपा के वरिष्ठ लीडर, पूर्व सभापति लक्ष्मीनारायण जी डाड को दी है… कि आप भीलवाड़ा में इस डैमेज को दूरस्त करिये.. गड़बड़ को दूर करिये .. 

अब डाड साहब क्या करे ? वे तो बोल रहे है कि गड़बड़ यहां नहीं.. आगे से हुई है .. उसे ठीक किजिए…. 

खैर .. आगे जो भी हो.. एक कलाकार के साथ मैं शहर का आम नागरिक हूं और यही अपेक्षा रखता हूं कि जो भी इस शहर का प्रतिनिधित्व करे, विधायक बने.. वो एक विजन लेकर चले.. कुछ प्लान हो.. कुछ प्राथमिकताएं हो ..जनता के बीच रहे। छोटी मोटी हर समस्या को गंभीरता से ले और समाधान के उचित प्रयास करे… बस।।
कोई बहुत बड़े बड़े सपने…    बहुत बड़ी बड़ी अपेक्षाएं तो भीलवाड़ा की भी नहीं है। 
(Kgkadam)

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