साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर की अंत्येष्ठि, सैकड़ों लोगों ने दी श्रृद्धाजंलि

साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर की अंत्येष्ठि, सैकड़ों लोगों ने दी श्रृद्धाजंलि
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शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी 
शाहपुरा की ख्यातनाम साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर के आकस्मिक देहावसान पर उनकी अंत्येष्ठि गुरूवार को फुलियागेट मोक्षधाम में की गई। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने अपनी ओर से श्रृद्धाजंलि दी। इसमें उत्तरप्रदेश से भी काफी लोग शामिल हुए। उनके पुत्र पत्रकार भरत सनाठ्य ने  मुखाग्नि दी। अंत्येष्ठि के दौरान आर्य समाज की ओर से वैदिक मंत्रोचार के साथ आहुतियां दी गई। देर सांय खानिया का बालाजी सभागार में आयोजित श्रृद्धाजंलि सभा भी सैकड़ों लोगों ने उपस्थित होकर साहित्यकार अनुराग बाला पाराशर को अपनी ओर से भावांजलि अर्पित की। 
15 नवम्बर मंगलवार को रात में नेपाल की धार्मिक यात्रा कर वापस लौटने के दौरान बार्डर के पास रक्सोल के पास हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को आज अलसुबह शाहपुरा लाया गया था। गांधीपुरी स्थित निवास स्थान से उनकी अंतिम यात्रा प्रांरभ हुई जिसमें शाहपुरा के पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी, शाहपुरा राजपरिवार के मुखिया जयसिंह, पार्षदगण और जनप्रतिनिधि, साहित्यकार व कविगण तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दी। 
सरकारी शिक्षिका रही अनुराग बाला पाराशर गत वर्ष दिसम्बर को ही सेवानिवृत हुई थी। बहुत मृदुभाषी, विदुषी कवयित्री, लेखिका, साहित्यकार, आदर्श शिक्षिका और लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रही। उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों की रचनाएं भी  उन्होंने की। वर्ष 2013 में कन्या भ्रुण हत्या पर आधारित उनकी पहली पुस्तक धड़कन एक सौ बीस के अलावा 2018 में प्रेम व प्रेरणा का नव काव्य राम रतन धन के अलावा 60 सोपान ने उनको राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। राम रतन धन पुस्तक तुलसीदास एवं रत्नावली के अकल्पनीय प्रेम एवं अनूठी अविश्वसनीय प्रेरणा पर आधारित काव्य रचना थी। अंतर्राष्ट्रीय जूरी अवार्ड प्राप्त दादू डाॅट काॅम शार्ट मूवी में अनुरागबाला पाराशर द्वारा लिखे गये संगीत के बोल अंधेरा नहीं है फिर भी डर रहा हूं में तथा डब्लूडब्लू डाॅट काॅम खूब सराहे गये। संत समाज पर बनी डाक्यूमेंट्र फिल्म रामद्वारा द अनटोल्ड स्टोरी में भी कांसेप्ट अनुरागबाला पाराशर का ही था। तुलसी का मानस व संत असंत और क्रांति और साहित्य अंतर्संबध इनकी पुरस्कृत रचनाएं है। उनकी रचनाएं आकाशवाणी से भी प्रसारित हो चुकी है। 
शाहपुरा के गांधीपुरी निवासी अनुरागबाला पाराशर ने भारत विकास परिषद, शक्ति संचय, नयः आस्था साहित्य कला मंच के माध्यम से समाजसेवा व साहित्य के क्षेत्र में कार्य किया। अनुरागबाला पाराशर के पुत्र भरत सनाठ्य नईदिल्ली में आज तक चैनल में ग्राफिक्स डिजाईनर है तथा पुत्रवधु अपेक्षा सनाठ्य नगर पालिका शाहपुरा में पार्षद है। अंत्येष्ठि में नगर पालिका के चेयरमेन रघुनंदन सोनी, आयुर्वेद विभाग के सेवानिवृत उपनिदेशक डा. कमलेश पाराशर, पार्षदगण, भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों, आयुर्वेद महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. जलदीप पथिक, शिक्षा विभाग के पूर्व उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय, विष्णुदत्त शर्मा, शिवप्रकाश सोमाणी, साहित्य सृजन कला संगम के अध्यक्ष जयदेव जोशी, सचिव डा. कैलाश मंडेला एवं संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक, महासचिव सत्येंद्र मंडेला तथा पदाधिकारीगण, शक्तिसंचय महिला मंडल की सदस्य, मोजूद रहे।

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