हिन्दुस्तान जिंक से जुड़कर गीता के सपने साकार, गौतम के लिये खुले शिक्षा के द्वार

हिन्दुस्तान जिंक से जुड़कर गीता के सपने साकार, गौतम के लिये खुले शिक्षा के द्वार
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चित्तौडग़ढ़ । जिले के ग्रामीण परिवार हिन्दुस्तान जिंक की विभिन्न परियोजनाओं से जुडकर न केवल आत्मनिर्भर हुए हैं बल्कि अपने परिवार और समाज को एक नई दिशा देने में जुटे हुए हैें। कंपनी की सीएसआर परियोजनओं से जुड़कर ग्रामीण परिवारों में आयी जागरुकता लोगों को सामाजिक स्तर पर नयी पहचान दिला रही हैं। इन्ही परिवारों में से एक है डगला का खेड़ा निवासी गीता वैष्णव का परिवार।

हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर के तहत संचालित परियोजनाओं से जुडऩे के बाद यह परिवार अपने हौंसले और मेहनत से न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रहा है बल्कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने में भी सफल हो रहा हैं।

गीता की पहचान कल तक एक गृहिणी के रुप में थी, जो जिंक के सखी कार्यक्रम से जुड़कर आज महिला उद्यमी के रुप में पहचान रखती हैं। गीता हिन्दुस्तान जिंक की सखी परियोजना से जुडऩे के बाद प्रशिक्षण लेकर स्वयं का ब्यूटी पार्लर चला रही हैं। जिससे उसको प्रतिमाह 7 हजार की आमदनी हो रही हैं। जो उसके परिवार की आर्थिक स्थिति को संबल देने में सहायक हैं।

गीता को जानकारी मिली की शिक्षा के क्षेत्र में भी हिन्दुस्तान जिंक की परियोजनाएं संचालित हैं, उन्ही में से एक है ऊंची उड़ान परियोजना जिसके तहत इंजीनियरिंग के लिये उच्च शिक्षा की तैयारी करवायी जाती हैं। जिसमें 9 वीं से 12 वीं कक्षा तक के राजकीय विद्यालयों से जुड़े विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ साथ इंजीनियरिंग की कोचिंग हेतु आवासीय सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं। गीता के पुत्र गौतम का भी शुरु से ही इंजीनियर बनने का सपना था जिसे उंची उड़ान से जुडऩे पर पंख लगे। गौतम ने इस वर्ष इंजीनियंिरंगहेतु उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश हेतु जेईई एडवांस की परीक्षा दी। गौतम के लिये उच्च शिक्षा हेतु अवसर मिलते हुए उन्हें अजमेंर इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश हेतु सफलता प्राप्त हुई।       

गीता के ही परिवार के रामदास वैष्णव जिंक की समाधान परियोजना से जुड़े हुए हैं जिसका उददेश्य एकीकृत कृषि प्रणालियों और पशुधन विकास के माध्यम से परिवारों के लिये स्थायी आजीविका प्रदान करना हैं। रामदास परियोजना द्वारा आयोजित किसान प्रशिक्षण एंव पशु स्वास्थ्य शिविरों में प्रशिक्षिण लेकर उन्नत खेती और उन्नत पशुधन के साथ अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। समाधान के तहत पशुओं को नि:शुल्क टीके, कृत्रिम गर्भाधान, दवाइयां और मिनरल मिक्स्चर उपलब्ध कराकर पशुधन विकास का कार्य किया जाता हैं।

हिन्दुस्तान जिंक की परियोजनाओं में से ही एक शिक्षा संबल कार्यक्रम जिले के राजकीय विद्यालयों में संचालित हैं, जहां विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं के माध्यम से कठिन विषयों में गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता हैं। गीता के ही परिवार के दो बच्चें खुशी और हिमांशु गांव के ही राजकीय विद्यालय अध्ययनरत होकर शिक्षा संबल परियोजना का लाभ ले रहे हैं।

गीता हिन्दुस्तान जिंक का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि जिंक की बदौलत ही वह खुद को समाज में एक उद्यमी के रुप में स्थापित कर पायी हैं। सखी समूह से मिली सहायता से न केवल उसने अपना व्यवसाय शुरु किया बल्कि इसी के सहयोग से परिवार को सशक्त बनाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

गीता कहती हैं कि मैं पिछले 5 वर्षों से अधिक समय से सखी समुह से जुड़ी हुइ हूं। समूह से जुडऩे के बाद मेरे रोजगारन्मुख कार्यो और व्यक्तित्व में विकास हुआ है। विभिन्न गांवों की महिलाओं से मिलना और एक साथ काम करना, लेखांकन और अन्य जीवन कौशल सीखना वास्तव में एक अद्भुत अनुभव है। आज, मैं गर्व से अपना ब्यूटी पार्लर चलाती हूं और अपने परिवार की वित्तीय आवश्कताओं में भी हाथ बंटाती हूं।  

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