जॉर्ज चेरियन भारत के उपभोक्ता समन्वय परिषद् (सी.सी.सी.) के उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित 

जॉर्ज चेरियन भारत के उपभोक्ता समन्वय परिषद् (सी.सी.सी.) के उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित 
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 ‘कट्स’ इंटरनेशनल के निदेशक जॉर्ज चेरियन  रायपुर, छत्तीसगढ़ में हुए चुनाव के दौरान भारत के उपभोक्ता समन्वय परिषद् (सी.सी.सी.) के उपाध्यक्ष पद के लिए चुने गये। सी.सी.सी. के संविधान के अनुसार, चुनाव दो साल में एक बार होता है और उपाध्यक्ष बनने के बाद, दो साल बाद स्वतः रूप से सी.सी.सी. का अध्यक्ष बन जाता है। भारत के 22 विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय उपभोक्ता सम्मेलन और सी.सी.सी. की वार्षिक आम सभा की बैठक में चुनावों में भाग लिया। 

सी.सी.सी. भारत के सभी उपभोक्ता संगठनों का सर्वोच्च उपभोक्ता निकाय है और भारत के उपभोक्ताओं की आवाज है, जिसकी स्थापना 1993 में भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के हितों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने के लिए की गई थी। पूरे देश के उपभोक्ता संगठन सी.सी.सी. के सदस्य हैं।

कन्ज्यूमर यूनिटी एण्ड ट्रस्ट सोसायटी (कट्स) 1983 में स्थापित भारतीय मूल की अन्तर्राष्ट्रीय सार्वजनिक नीति अनुसंधान एवं उपभोक्ता पैरवी संगठन है जो देश एवं देश के बाहर सामाजिक न्याय एवं आर्थिक समानता की पैरवी करती है। ‘कट्स’, 1993 में स्थापित सी.सी.सी. के संस्थापक सदस्यों में से एक है।

जॉर्ज चेरियन भारत के जाने माने उपभोक्ता संरक्षण कार्यकर्ताओं में से एक है। जॉर्ज भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और वर्तमान में एफ.एस.एस.ए.आई. के 2022-24 के लिए केन्द्रीय सलाहकार समिति (सी.ए.सी.) और कई अन्य समान नीति बनाने वाली निकायों और समितियों के सदस्य है। जॉर्ज 2007 से भारत सरकार के केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद् (सी.सी.पी.सी.) में ‘कट्स’ का प्रतिनिधित्व करते हैं। जॉर्ज 2015-19 के दौरान अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता परिषद् के भी सदस्य थे। 

जॉर्ज 2017 से स्वीडिश सोसायटी फॉर नेचर कन्जर्वेषन (एस.एस.एन.सी.), स्टॉकहोम द्वारा आयोजित सतत् उपभोक्ता पर ग्लोबल थिंक टैंक के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जॉर्ज को उपभोक्ताओं के हितार्थ महत्वपूर्ण योगदान के लिए अमेरिका द्वारा 2013 में प्रतिष्ठित ‘रोडा कार्पेटकिन अन्तर्राष्ट्रीय उपभोक्ता पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। उनके कई लेख, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कई दैनिक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं आदि में प्रकाशित हुए है।

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