बालिकाओं ने सीखे जीवन प्रबन्धन के सूत्र और सुखमय जीवन जीने के गुर

बालिकाओं ने सीखे जीवन प्रबन्धन के सूत्र और सुखमय जीवन जीने के गुर
X


चितौड़गढ़। राष्ट्र सेविका समिति की 139 बालिकाओं और विशेष वर्ग की 53 महिलाओं ने सुखद जीवन संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हैप्पीनेस गुरू एस.डी. वैष्णव से जीवन प्रबन्धन के सूत्र और सुखमय जीवन जीने के गुर सीखे। प्रारम्भ में वैष्णव का परिचय डॉ. सुशीला लड्ढ़ा ने दिया। एस.डी. वैष्णव ने विज्ञान के चरमोत्कर्ष काल में जीवन सुखमय कैसे बने, उसके सात स्टेप्स बताए। मस्तिष्क स्पंदन सिद्वान्त यानि पोजिटिव वाईब्रेशन ऑफ ब्रेन में हमारी पारिवारिक पृष्ठभूमि, प्लेसमेन्ट जहॉ हम रखते है, सराउडिंग सर्कल आसपास का वातावरण, एजुकेशन नॉलेज, इनबिल्ट पोटेन्शियल, आन्तरिक शक्ति का जीवन पर 50 प्रतिशत प्रभाव पडता है। उन्होनें बताया कि पंच तत्वों के संतुलन से रोग निवारण, योग-ध्यान प्राणायाम, रिश्तों से सुखद जीवन, कार्य के प्रति निष्ठा एवं समर्पण, चेरिटी दान आदि के माध्यम से जीवन आनन्दयुक्त होकर सुखमय बनता है। वंदना वजीरानी ने बताया कि चर्चा सत्र में रजनी डांगी ने बालिकाओं से वार्तालाप करते हुए नागरिकों के अधिकार और कर्त्तव्य के बारे में विस्तार से समझाया। अदिति कटयार ने दोनों वर्ग की बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के तरीके सिखाएं। सत्रों में विमला सेठिया और लीलामणी उपस्थित थे।
 

Next Story