फुल चुनावी मोड में आई सरकार, हर वर्ग को साधने के लिए बनाया खास प्लान

फुल चुनावी मोड में आई सरकार, हर वर्ग को साधने के लिए बनाया खास प्लान
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केंद्र सरकार पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। अब केंद्र सरकार की हर योजनाओं को अलग-अलग मतदाता वर्गों को साधने की दृष्टि से देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जिस तरह 51 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां बांटी हैं, महिलाओं को स्वरोजगार बढ़ाने के लिए योजना शुरू की है, और जन औषधि केंद्र की शुरुआत की है, केंद्र ने यह साफ कर दिया है कि अगला लोकसभा चुनाव वह इन्हीं मुद्दों पर लड़ने वाली है। चूंकि, पूर्व के चुनावों में इन्हीं युवाओं और महिलाओं ने भाजपा को दो बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में पहुंचाने का काम किया है, वह विभिन्न योजनाओं के जरिए इन्हें लुभाकर अपनी जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रही है।

नौकरियों से युवाओं को साधने की योजना

भारतीय निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग एक करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पहली बार मतदान किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच के 34 फीसदी युवा मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ गया और यह 41 फीसदी तक पहुंच गया।

अनुमान है कि 2021 में देश में 29 वर्ष या इससे कम आयु के युवाओं की आबादी कुल जनसंख्या की लगभग 53 फीसदी थी। इसमें 15 से 25 वर्ष के लगभग 25 करोड़ युवा शामिल हैं। इस वर्ग को रोजगार, राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री मोदी की छवि प्रभावित करती है। यह मतदाता वर्ग किसी भी चुनाव परिणाम को बदलने की ताकत रखता है। लिहाजा भाजपा इन सभी फैक्टर पर अपने आपको मजबूत करने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे हैं। रोजगार मेले के माध्यम से अब तक दस लाख युवाओं को सरकारी नौकरियों में नियुक्ति दी जा चुकी हैं। मोदी की इस कोशिश को सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव में युवाओं को आकर्षित करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।  

महिलाओं को भी साधने की कोशिश

सीएसडीएस के प्रो. संजय कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदैव महिलाओं को आगे बढ़ाने की वकालत करते रहते हैं। वे हर मंच पर महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी देने की कोशिश भी करते हैं। संभवतः यही कारण है कि महिला मतदाता मोदी की बड़ी समर्थक वर्ग बनकर उभरी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में 34 फीसदी परिवारों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला था। प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों का रजिस्ट्रेशन महिलाओं के नाम पर होने से भी उनमें भाजपा के लिए आकर्षण बढ़ा था।

संभवतः इसी का परिणाम था कि लगभग 36 फीसदी महिला मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया। हालांकि, इसी चुनाव में 39 फीसदी पुरुषों ने भी भाजपा को वोट किया था। इस बार भाजपा ने महिला आरक्षण कानून पास करने के साथ-साथ महिला राष्ट्रपति बनाने और सेना के प्रमुख अंगों में महिलाओं को अवसर देने जैसी एतिहासिक पहल भी की है, इससे भी महिलाओं के बीच मोदी की लोकप्रियता बढ़ सकती है।

छोटी दुकानें-ठेले लगाकर छोटे-छोटे रोजगार करने वाली महिलाओं को लोन मिलने से भी उसे लाभ मिल सकता है। विकसित भारत संकल्प यात्रा  कार्यक्रम के अंतर्गत जिस तरह भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा महिला किसानों को 15000 ड्रोन उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है, इसका भी सकारात्मक असर हो सकता है।

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