सरकार ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं आटे के निर्यात पर अंकुश लगाया
केंद्र सरकार ने खाद्य महंगाई पर लगाम लगाने के लिए गुरुवार को गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक कैबिनेट का यह निर्णय अब गेहूं के आटे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देगा।
सरकार के इस कदम से गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही खाद्य महंगाई का सामने कर रहे आम आदमी को राहत मिलेगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अब विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) इस आशय की अधिसूचना जारी करेगा। इससे पहले मई महीने में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दिया था।
उल्लेखनीय है कि गेहूं उत्पादक इलाकों में बारिश की बेरुखी और प्रचंड गर्मी के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। इससे उत्पादन में कमी आई थी। फरवरी में शुरू हुए रूस यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर गेहूं की मांग में बढ़ोतरी देखी गई थी। इसके चलते भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ गया था। नतीजतन स्थानीय मंडियों में गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। देश की बड़ी मंडियों में शुमार इंदौर की मंडी में गेहूं की कीमतें 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थी।
केंद्र सरकार ने मई महीने में तेजी से बढ़ती खाद्य महंगाई को देखते हुए बड़ा कदम उठाया और गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। अब महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने फिर बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने अब आटे के निर्यात पर बैन (restrictions on export of wheat flour) लगाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस फैसले का असर भी बाजारों पर नजर आएगा और घरेलू बाजार में आटे की कीमतों को थामने में मदद मिलेगी।