घरेलू कच्चा तेल व एटीएफ पर सरकार ने बढ़ाया अप्रत्याशित लाभ कर, लिया गया बड़ा फैसला
सरकार के आदेश के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर कर को पांच रुपये से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह एटीएफ पर कर को 3.5 रुपये प्रति लीटर से 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। टैक्स की नई दरें 4 फरवरी से लागू हो गई हैं।
केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर बड़ा फैसला किया है। एक आदेश के तहत घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ-साथ डीजल और एटीएफ के निर्यात पर लगाए जाने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि की गई है।
यह आदेश तीन फरवरी को जारी किया गया था, जिसमें कहा गया है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 1,900 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। बता दें, कच्चे तेल को जमीन और समुद्र के नीचे से निकाल कर रिफाइन किया जाता है और पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है।
कितना बढ़ाया निर्यात कर
सरकार के आदेश के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर कर को पांच रुपये से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह एटीएफ पर कर को 3.5 रुपये प्रति लीटर से 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि टैक्स की नई दरें 4 फरवरी से लागू हो गई हैं। सरकार ने कहा, 17 जनवरी को अंतिम पखवाड़े की समीक्षा में कर दरों में कटौती की गई थी। तब से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में मजबूती आई है, जिससे अप्रत्याशित कर में बढ़ोतरी की आवश्यकता है।
एक जुलाई को पहली बार लगाया गया था अप्रत्याशित कर
भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही यह उन कुछ देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर वसूलते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। बता दें,
पेट्रोल पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया है। कच्चे तेल की पिछले दो सप्ताह की औसत कीमत के आधार पर कर दरों की प्रत्येक पखवाड़े समीक्षा की जाती है।