सरकार हर खेत पर नजर रखने के लिए एग्रीस्टेक बना रही है: तोमर

सरकार हर खेत पर नजर रखने के लिए एग्रीस्टेक बना रही है: तोमर
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नयी दिल्ली,  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि कृषि का डाटा तैयार करने की दिशा में भी कदम बढ़ाते हुए डिजिटल एग्री मिशन पर काम किया जा रहा है जिसके तहत एग्रीस्टेक बनाया जा रहा है और इसके माध्यम से राज्य तथा केंद्र सरकारें हर खेत पर नजर रख सकेंगी।
खरीफ अभियान 2023 को लेकर यहां आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में श्री तोमर ने कहा,“ कौन-से खेत में, कौन-सी फसल हो रही है, कहां ज्यादा है,कहां कम। कहां बर्बादी है, कहां फायदा है, इसका अवलोकन कर सकेंगे। इसके आधार पर किसानों को सलाह दी जा सकेगी कि इस बार किस हिस्से में खेती करना है, कहां नहीं। दूसरा फायदा यह होगा कि अगर किसानों का नुकसान होगा तो एग्रीस्टेक का इस्तेमाल करके प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से नुकसान का आंकलन करके क्लेम राशि शीघ्र उनके खाते में पहुंच जाएगी। उर्वरक और पानी का अपव्यय रोकने लिए भी तकनीक की आवश्यकता है। इसमें राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, तभी हम अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। जिस तरह से हम उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, राज्यों के स्तर पर विद्यमान विषयों पर भी समय-समय पर विचार किया जाना चाहिए। अगर राज्यों की तरफ से केंद्र के लिए कोई सुझाव आएंगे, तो उनका सरकार स्वागत करेगी।”
श्री तोमर ने कहा,“ जैसे-जैसे टेक्नालॉजी बढ़ेगी, खेती में काम करना आसान होगा, मेहनत कम होगी और ज्यादा मुनाफे की स्थिति बन सकेगी। इससे आने वाली पीढिय़ों का भी खेती के प्रति रूझान बढ़ेगा, इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं और इनका सुचारू क्रियान्वयन किया जा रहा है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि राज्यों का विषय है, वहीं केंद्र सरकार फंड का इंतजाम कर सकती है, योजनाएं बना सकती है और बनी योजनाओं को लेकर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकती है, लेकिन परिणाम तभी आएगा, जब राज्यों की गति बढ़ेगी, राज्य अनेक प्रकार के नवाचार करने के साथ ही कृषि के समक्ष विद्यमान चुनौतियों का समय-समय पर समाधान करेंगे। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने की वजह से हम खाद्यान्न, दलहन-तिलहन के उत्पादन, उद्यानिकी, निर्यात सहित तमाम सेक्टरों में आज अच्छी अवस्था में खड़े हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि खेती मुनाफे की गारंटी दें, अगर ऐसा नहीं होगा तो आने वाली पीढिय़ां खेती के क्षेत्र में काम करने नहीं आएंगी ।
उन्होंने कहा,“ अनेक योजनाओं के माध्यम से नई तकनीकें किसानों तक पहुंचाई जा रही हैं। राज्य सरकारों को ऐसी स्कीम बनाना चाहिए, जिनसे क्रमबद्ध तरीके से पूरे राज्य में तकनीक पहुंच सकें। इसके साथ ही अनुसंधान की भी जरूरत है। वर्ष 2050 तक की चुनौती हम सबके सामने है, जब हमारी आबादी बढ़ेगी। दूसरा आज भारत जिस राजनीतिक परिदृश्य पर खड़ा है, उसमें हमारी जिम्मेदारी अपने देश की जनता के प्रति तो है ही, लेकिन दुनिया के बहुत से देश जो हमसे अपेक्षा करते हैं, उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी भी हमें पूरी करना है। इसलिए चाहे फोर्टिफाइड फसलों का सवाल हो, उत्पादकता बढ़ाने का या जलवायु परिवर्तन के दौर में उच्च ताप को सहन करने की शक्ति वाले बीजों की प्रचुरता का मामला हो, इन सब विषयों पर हमें एक साथ काम करने की आवश्यकता है। भारत सरकार इस दिशा में चिंतित भी है और गंभीर भी।”
कृषि मंत्री ने कहा कि पहले उर्वरक की उपलब्धता को लेकर विसंगतियों के कारण कई तरह की कठिनाइयां होती थी। इस बात का साक्षी हूं कि जब यूरिया की जरूरत होती थी, तो अनेक राज्यों के सांसदों के साथ हम लोग संसद में गांधीजी की प्रतिमा के सामने बैठे रहते थे, इसके बावजूद यूरिया की उपलब्धता नहीं होती थी। पिछले सात-आठ वर्ष में इस तरह की विपरीत परिस्थितियां नहीं बनीं और व्यवस्थाएं ठीक प्रकार से चलती रही हैं। आज लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में जा रही है, इस पर विचार करने की जरूरत है। अगर यह सब्सिडी बचेगी तो कृषि सहित अन्य क्षेत्रों के विकास में यह पैसा काम आएगा। इस दृष्टि से पीएम प्रणाम जैसी योजनाएं सरकार संचालित कर रही है, जिससे राज्य इस दिशा में प्रेरित हों। वर्तमान में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी भी आ गया है। इसकी पर्याप्त उपलब्धता है और उपयोग भी हो रहा है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव मनोज अहूजा ने केंद्र की योजनाओं के सुचारू संचालन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सहयोग का आग्रह किया। डेयर के सचिव एवं आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने जलवायु अनुकूल किस्मों का अधिकाधिक लाभ किसानों तक पहुंचाने का आग्रह किया।
इस मौके पर श्री तोमर ने कृषि मैपर एप लांच किया। इससे कृषि क्षेत्र की गतिविधियों को सैटेलाइट के जरिये निरीक्षण किया जा सकेगा, भूमि के किस हिस्से में, कौन-सी खेती की जा रही है, इसकी जानकारी मिलेगी।

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