मोटे अनाज का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार विदेश में भारतीय दूतावासों से मदद लेगी
नई दिल्ली। भारत अमेरिका से लेकर आस्ट्रेलिया तो जापान से लेकर जर्मनी तक मोटे अनाज के स्वाद को लोकप्रिय बनाने जा रहा है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने मोटे अनाज के निर्यात को प्रोत्साहित करने की विस्तृत योजना बनाई है, जिसके तहत अगले एक साल तक दुनिया भर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले के साथ क्रेता-विक्रेता बैठक में मोटे अनाज के निर्यातक और किसानों को हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
वर्ष 2023 को घोषित किया गया अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज
संयुक्त राष्ट्र पहले ही वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित कर चुका है और दुनिया के 72 देश इसका समर्थन कर रहे हैं। इस साल दिसंबर से मोटे अनाज के निर्यात प्रोत्साहन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। गत वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 3.43 करोड़ डॉलर के मोटे अनाज का निर्यात किया था।मंत्रालय ने दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, सिडनी, बेल्जियम, जर्मनी, ब्रिटेन तथा अमेरिका में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के कार्यक्रम बनाए हैं। इसके अलावा अन्य देशों में स्थित भारतीय दूतावास के जरिए मोटे अनाज की बिक्री की जाएगी।
वैश्विक प्लेटफार्म पर मोटे अनाजों और उसके उत्पादों को दिखाने की योजना
भारतीय मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने के लिए गुलफूड 2023, फूडेक्स, सोल फूड एंड होटल शो, सउदी एग्रो फूड, सिडनी के फाइन फूड शो, बेल्जियम के फूड और बेवरेज शो, जर्मनी के बायोफैक और अनुगा फूड फेयर, सेन फ्रैंसिस्को के विंटर फैंसी फूड शो जैसे वैश्विक प्लेटफार्म पर मोटे अनाजों और उसके उत्पादों को दिखाने की योजना बनाई गई है।
कई देशों को मोटा अनाज निर्यात करता है भारत
भारत प्रमुख रूप से यूएई, नेपाल, लीबिया, ओमान, मिस्त्र, ट्यूनीशिया, यमन, ब्रिटेन तथा अमेरिका को मोटे अनाज का निर्यात करता हैं। इन मोटे अनाज में बाजरा, रागी, कनेरी, जवार और कुट्टू शामिल हैं। मोटे अनाज आयात करने वाले प्रमुख देशों में इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मेक्सिको, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और नीदरलैंड शामिल हैं और इन सभी देशों में भारत के मोटे अनाज की पैठ बनाना मंत्रालय का लक्ष्य है।