वेदपीठ पर महाशिवरात्रि को त्रिभुवन स्वरूप में हुए भव्य अनुष्ठान
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ पर महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर त्रिभुवन लोक में त्रिपुण्ड स्वरूप में भगवान शिवशंकर के 108 पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना और अनुष्ठान के भव्य आयोजन किए गए। ठाकुरजी की संध्या महाआरती के पश्चात वेदपीठ परिसर में त्रिभुवन लोक के समान पाण्डाल सुसज्जित कर भगवान शिव के तृतीय नैत्र को त्रिपुण्ड रूप में 108 महा पार्थिव शिवलिंग के साथ लगभग 300 यजमान युगलों ने 21 द्रव्यों से नमक चमक के साथ महारूद्राभिषेक करते हुए सर्वत्र खुशहाली की कामना की। चार प्रहर तक चले अनुष्ठान में यजमानों द्वारा भगवान शिव की पंचाक्षरी मंत्र के सवा पांच लाख जाप किए गए। वेदपीठ के प्रवक्ता ने बताया कि भगवान शिव के त्रिपुण्ड स्वरूप में तीनों रेखाओं में वेदों एवं अग्नि के स्वरूप के साथ प्रत्येक रेखा में 9-9 देवताओं के वास का चित्रण कल्याण भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। सूरमयी ठण्ड के बीच बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हुए स्वयं को धन्य किया। इस दौरान श्रद्धालुओं को उत्साहित करने के लिए 10 साधक-साधिकाओं को सम्मानित भी किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि ठाकुर श्री कल्लाजी के मुख्य आचार्यत्व में आयोजित अनूठे अनुष्ठान में भाग लेने के लिए मेवाड़, मालवा, हाड़ौती, मारवाड़ सहित कई क्षेत्रों से श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान भगवान शिव के प्रिय पदार्थों से सहस्त्रार्चन कर मंगल कामना की गई। इस दौरान कई यजमानों के कालसर्प निवारण का अनुष्ठान भी किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं को अष्टोदश कल्याण महाकुंभ की प्रारंभिक जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 21 मई को कल्याण नगरी से चित्तौड़गढ़ भव्य एवं आध्यात्मिक कल्याण पद यात्रा के साथ ही 3 जून को कल्याण नगरी में भव्य शोभायात्रा के साथ ही वाल्मिकी रामायण की कथा होगी। वहीं 11 जून को ठाकुर जी के दिव्य का दर्शन का मनोहारी आयोजन होगा। महाशिवरात्रि के अवसर पर परिसर में महाकाल स्वरूप की झांकी तथा ठाकुर जी के रामस्वरूप में दर्शन भक्तों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहे। इस आयोजन में वेदपीठ के आचार्यों, बटुकों, न्यासियों, कल्याण भक्तों, वीर वीरांगनाओं एवं शक्ति ग्रुप की बालिकाओं का अनुकरणीय योगदान रहा।