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: इन 5 बीमारियों में नहीं करना चाहिए हरी मटर का सेवन

: इन 5 बीमारियों में नहीं करना चाहिए हरी मटर का सेवन

 

 

Who should not eat green peas: हरी मटर वनस्पति-आधारित प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है , जिसे सर्दियों के मौसम में कई तरह से खाया जाता है। मटर खाने के बहुत से फायदे होते हैं। हालांकि, इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं । यह सच है। मटर पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन डी, विटामिन सी और विटामिन के से भरपूर होते हैं। इसमें कोलीन, राइबोफ्लेविन जैसे यौगिक भी होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं ।

सर्दियों में हरी मटर खाने (Hari Matar Kise Nahi Khani Chahiye) से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। लेकिन अधिक मटर खाने के कुछ नुकसान भी हैं। कुछ लोगों को हरी मटर के अधिक सेवन से बचना चाहिए। इतना ही नहीं कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में हरी मटर का सेवन करने से रोगी की हालत और भी खराब हो सकती है। अब सवाल उठता है कि हरी मटर का सेवन किसे नहीं करना चाहिए? हरी मटर कब नहीं खानी चाहिए? इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि हरी मटर का सेवन कब और किसे नहीं करना चाहिए –

 

हरी मटर किसे नहीं खानी चाहिए ?

पेट में गैस या सूजन होने पर हरी मटर के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, हरी मटर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। वहीं, इसमें मौजूद शुगर हमारे पाचन तंत्र द्वारा आसानी से पचा नहीं पाता है। ऐसे में जब आप हरी मटर का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आसानी से नहीं पचती है। इससे पेट में गैस, कब्ज, सूजन और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 


ब्लड क्लॉटिंग और थ्रोम्बोफ्लिबिटिस

मटर विटामिन के से भरपूर होते हैं। जो चयापचय, ब्लड में कैल्शियम के स्तर और कोशिकाओं में ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे रक्त के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन के शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन अगर आपको हाई यूरिक एसिड, ब्लड क्लॉटिंग और थ्रोम्बोफ्लिबिटिस जैसी समस्याएं हैं, तो आपको मटर नहीं खानी चाहिए।

मोटापे से पीड़ित लोग

मटर में फाइटिक एसिड और लेक्टिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, लेकिन ये कई अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकते हैं। यह मटर के सबसे बड़े दुष्प्रभावों में से एक है, जो शरीर में पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है और कुपोषण का कारण बन सकता है। मटर को लोग बिना जाने कितनी भी मात्रा में खा लेते हैं। साथ ही ज्यादा मटर खाने से वजन भी बढ़ सकता है इसलिए मटर को एक निश्चित मात्रा में ही खाना चाहिए।

 

 

किडनी से संबंधित समस्याएं

किडनी से संबंधित समस्याओं में हरी मटर के सेवन से बचना चाहिए। हरी मटर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण किडनी की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हरी मटर के अधिक सेवन से किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि किडनी के मरीजों को मटर का सेवन सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।

हाई यूरिक एसिड की समस्या

हाई यूरिक एसिड की समस्या में हरी मटर का सेवन नहीं करना चाहिए, चूंकि हरी मटर प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन डी और फाइबर से भरपूर होती है। ये पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। लेकिन ज्यादा हरी मटर खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है, जिससे जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। यह बाद में गठिया और गाउट का कारण बन सकता है।