शनिवार को मनाया जाएगा हरियाली तीज
सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का पर्व बहुत ही खास महत्व रखता है। इस दिन वो सुबह से बिना कुछ खाए-पिए अपने पति की लंबी उम्र और निरोग जीवन की कामना करती हैं। सावन माह में मनाए जाने वाले इस तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस साल 19 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी, जिसकी तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू हो चुकी हैं। कहा जाता है कि 107 साल तक देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप पाने के लिए तपस्या की थी, तब जाकर हरियाली तीज के दिन शंकर जी ने देवी पार्वती को स्वीकारा था।
माना जाता है कि इस व्रत को करने में महिलाओं को सदा सुहागिन होने का वरदान मिलता है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, तो अगर आप भी हाल-फिलहाल शादी हुई है और आप पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, तो कुछ जरूरी बातों और नियमों का ध्यान रखना चाहिए। व्रत तभी पूरा माना जाता है जब उसे पूरी श्रद्धा और विधि के साथ किया जाए।
हरियाली तीज व्रत में ध्यान रखें ये बातें
व्रत का संकल्प
हरियाली तीज व्रत बिना कुछ खाए-पिए रखा जाता है। रात को चांद की पूजा के बाद ही व्रत खोला जाता है, तो अगर आप किसी भी वजह से निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं है, तो फलाहार व्रत का संकल्प लें।
सोलह श्रृंगार
हरियाली तीज के दिन शाम को स्नान के बाद सिंधारे में आए वस्त्र पहनें। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन सोलह श्रृंगार का भी बहुत महत्व होता है।
हरे रंग का इस्तेमाल
हरियाली तीज के दिन ही हरे रंग के कपड़े के साथ मेहंदी लगाने की भी परंपरा है। इसे महिलाओं की सुहाग की निशानी माना जाता है और इससे शिव जी प्रसन्न होते हैं।
व्रत कथा सुनें
हरियाली तीज का व्रत कथा के बिना अधूरा है, इसलिए शंकर-पार्वती की विधि विधान से पूजा के बाद कथा जरुर सुनें।
व्रत का पारण
हरियाली तीज व्रत का पारण रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। कई महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में व्रत खोलती हैं। ध्यान रहे व्रत पारण में पूजा में भोग में लगाया हुआ प्रसाद सबसे पहले ग्रहण किया जाता है, इसके बाद भोजन किया जाता है।