जयपुर एक्सप्रेस घटना के लिये ‘नफरती मीडिया’ ज़िम्मेदार : जमात
नयी दिल्ली, जमात-ए-इस्लामी हिन्द ने मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सिपाही चेतन सिंह द्वारा वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुसलमानों की निर्मम हत्या के लिये ‘लगातार नफरत फैलाने वाली मीडिया’ को ज़िम्मेदार ठहराया है।
जमात के उपाध्यक्ष मलिक मोहतसिम खान ने मंगलवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि मीडिया को संयम बरतना चाहिए और गैर-जिम्मेदाराना ढंग से खबरें पेश करने वाले मीडिया घरानों पर कार्रवाई होनी चाहिये।
श्री खान ने कहा, “हम भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कांस्टेबल द्वारा चलती ट्रेन में मुस्लिम समुदाय के तीन नागरिकों और एक आरपीएफ अधिकारी की निर्दयी और लक्षित गोलीबारी की निंदा करते हैं। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि आरोपी ने मुसलमान दिखने वाले यात्रियों को ढूंढा और उन्हें गोली मारी।”
बयान में कहा गया, “जमात का मानना है कि यह मुसलमानों के खिलाफ संगठित हिंसा के निरंतर हमलों का एक और अध्याय है जो हमारे देश में सामान्य होता जा रहा है। हमारे सत्ता केंद्रों के ऊपरी क्षेत्रों से आ रहे कट्टरपंथ और ध्रुवीकरण के परिणामस्वरूप यह दुखद स्थिति पैदा हुई है।”
गौरतलब है कि आरपीएफ (पश्चिमी रेलवे) के महानिरीक्षक प्रवीण सिन्हा ने घटना के बाद कहा था कि चेतन गुस्सैल प्रवृत्ति का व्यक्ति था और उसने ट्रेन में एक बहस के दौरान अपना आपा खो दिया।
श्री खान ने कहा, “ऐसा लगता है कि विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ घृणा अपराधों के अपराधियों को मानसिक रूप से अस्थिर करार देना नया चलन बन गया है। यह घटना इस सवाल को भी जन्म देती है कि कैसे ये ‘मानसिक रूप से बीमार’ और ‘गुस्सैल’ व्यक्ति बंदूकों से लैस हैं और उन्हें हमारे नागरिकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है”
उन्होंने कहा, “जमात का मानना है कि देश में बहिष्कार, बहुसंख्यकवाद, विभाजन, नफरत और ध्रुवीकरण की नीतियों के कारण जो माहौल बना है, उसे उदार मीडिया, अंधराष्ट्रवादी फिल्मों, साहित्य और किताबों ने और बढ़ा दिया है, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं।”
जमात ने आरपीएफ से मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा और घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।
शादाब राम