भावुक पलों में भी हो सकती है दिल की बीमारी, जानें ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से जुड़ी हर बात

आमतौर पर लोगों को दिल की बीमारी के रूप में हार्टअटैक के बारे में ही पता होगा, लेकिन ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती है. आज हम आपको इस सिंड्रोम के लक्षण, बचाव, और उपाय से जुड़ी हर बात बताने जा रहे हैं.
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्या है
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के बारे में सबसे पहले साल 1990 में जापान में जानकारी मिली थी. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब किसी इंसान को अचानक से किसी इमोशनल स्ट्रेस या मानसिक तनाव, सदमे या डर का सामना करना पड़ता है तो हमारे हार्ट मसल्स कमजोर हो जाते हैं. इससे हमारे दिल की नसों पर ज़्यादा दबाल पड़ता है. दिल की नसों पर दबार बढ़ने की वजह से नसें कमजोर पड़ती हैं जिनसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. किसी पल में भावनात्मक रूप से बेहद कमजोर पड़ना से भी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है. जैसे, जब कोई अपने किसी करीबी या प्रिय को खो देता है तो उस पल में भावनात्मक रूप से कमजोर पड़ने से हमारी दिल और सेहत पर गलत असर पड़ सकता है.
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम किसी पल में स्ट्रेस यानी तनाव के हार्मोन एड्रेनालाइन के बढ़ने की वजह से हो सकता है. किसी ऐसे पल में जब इंसान भावनात्मक रूप से बेहद कमज़ोर पड़ जाता है तो उस तनाव का असर सीधा दिल पर पड़ता है. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की मुख्य वजह ये हो सकती हैं
किसी करीबी की अचानक मौत हो जाना
- किसी गंभीर बीमारी के बारे में पता चलना
- किसी तरह की हिंसा या बहस
- आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान या पैसे का स्रोत खत्म हो जाना
- लंबे समय से चल रहा कोई तनाव
- अपने साथी से अलग हो जाना
- अचानक से कोई बहुत बड़ी खुशी का मिलना
- शारीरिक तनाव जैसे, कोई बड़ी चोट या सर्जरी वगैरह
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
- सीने में दर्द
- सांस का फूलना
- दिल की धड़कन अचानक से बढ़ना
- थकान, सुस्ती या ज़्यादा नींद आना
- दिल के बाएं हिस्से में बैचेनी होनी
- तनाव के पलों में घबराहट होना
हार्टअटैक और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में अंतर
हार्टअटैक, आम तौर पर दिल की धमनियों के ब्लॉक होने की वजह से होता है. यह ब्लॉकेज उस जगह पर होता है, जहां धमनियां संकरी या पतली हो जाती हैं. जबकि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में दिल की धमनियां ब्लॉक नहीं होतीं, बल्कि उनमें खून का प्रवाह कम हो जाता है. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में अस्थायी रूप से दिल का साइज़ बढ़ जाता है.
कुछ खास बातें
- ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की समस्या पुरुषों से ज़्यादा महिलाओं में देखी जाती है. इसलिए, महिलाओं को इससे खास तौर पर सावधान रहना चाहिए.
- किसी भी तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को इसकी दिक्कत होने की ज़्यादा संभावना होती है.
- ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की पहचान होने तक इसे सामान्य हृदय रोग के तौर पर ही माना जाता है और उसी के हिसाब से इलाज भी किया जाता है.
- लक्षणों के पहचान या फिर सिंड्रोम की पहचान होने के बाद कुछ खास तरह की दवाइयां दी जाती हैं.
