बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा; जमकर चले बम-गोली, 15 लोगों ने गंवाई जान

बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा; जमकर चले बम-गोली, 15 लोगों ने गंवाई जान
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कोलकाता। चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में त्रिस्तरीय चुनाव के लिए सभी 22 जिलों में शनिवार को एक साथ हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा से पूरा राज्य फिर लहूलुहान हो गया। ग्राम पंचायत, जिला परिषद व पंचायत समिति की करीब 64,000 सीटों के लिए सुबह मतदान शुरू होते ही विभिन्न जिलों से भारी हिंसा, झड़प, बूथ पर कब्जा, मतपत्रों को लूटने और मतदाताओं को डराने की जो घटनाएं शुरू हुई वह शाम तक जारी रही।

चुनावी हिंसा में 15 लोगों ने गंवाई जान

हाई कोर्ट के निर्देश पर चुनाव के लिए 822 में से करीब 600 कंपनी केंद्रीय बलों एवं 1.70 लाख से ज्यादा पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले बीती रात से लेकर शनिवार शाम तक हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि दर्जनों लोग बम- गोली व झड़प में घायल हुए हैं।

अब तक 35 लोगों की मौत

इसी के साथ आठ जून को चुनाव की घोषणा के बाद से हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है। हालांकि, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को तीन लोगों की मौत की ही बात कहीं है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, करीब 58,594 बूथों पर हुए मतदान में शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 2.06 लाख उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला हुआ। वोटों की गिनती 11 जुलाई को होगी।

कई जगहों पर दिखा हिंसा का तांडव

सबसे संवेदनशील मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना, मालदा व बीरभूम जिला, जो पिछले चुनावों के दौरान हमेशा हिंसा का केंद्र रहा है, वहां फिर बड़े पैमाने पर हिंसा का तांडव देखने को मिला। मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक पांच मौतें हुई हैं। इसके बाद मालदा, पूर्व बर्द्धमान व कूचबिहार में दो-दो और दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, नदिया व उत्तर दिनाजपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत की खबर है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से सबसे ज्यादा नौ, भाजपा व कांग्रेस के दो-दो, जबकि एक माकपा कार्यकर्ता एवं एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक की मौत का दावा किया गया है।

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