हाईकोर्ट की दो टूक- जहां आग बुझाने के इंतजाम नहीं उन कोचिंग संस्थानों को बंद करो, स्टेटस रिपोर्ट मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि कोचिंग संस्थानों में आग बुझाने के इंतजाम और विद्यार्थियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा, जिन कोचिंग संस्थानों में दिल्ली मास्टर प्लान- 2021 के तहत आग बुझाने की व्यवस्था नहीं हैं, उन्हें बंद करें। हाईकोर्ट ने कहा, यह देखना अधिकारियों का काम है कि इन संस्थानों में अग्निशमन के इंतजाम हैं, या नहीं। अगली सुनवाई 23 नवंबर को रखते हुए हाईकोर्ट ने एमसीडी, राज्य सरकार, मुखर्जी नगर पुलिस थाने के प्रभारी को चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।
मुखर्जी नगर में चल रहे कोचिंग संस्थानों से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान संस्थानों के वकील ने कहा कि वे नियमों का अनुपालन कर रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरूला की बेंच ने कड़े स्वर में कहा, अनुपालन हुआ या नहीं, यह देखना अधिकारियों का काम है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में जून में हुए अग्निकांड के बाद हाईकोर्ट हालात का स्वत:संज्ञान लेकर भी सुनवाई कर रहा है।
दो अन्य अर्जियां मुखर्जी नगर कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और मुखर्जी नगर निवासियों द्वारा पक्षकार बनाने के लिए दाखिल की गई हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि वे पक्षकार के तौर पर जवाब दाखिल कर सकते हैं। 25 जुलाई को हाईकोर्ट ने विभिन्न विभागों को कहा था कि अग्निशमन विभाग से एनओसी लिए बिना चल रहे सभी कोचिंग संस्थान बंद करें। फेडरेशन ने इस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है।