हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी बासित अहमद रेशी की संपत्ति कुर्क

हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी बासित अहमद रेशी की संपत्ति कुर्क
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श्रीनगर शहर में अल-उमर आतंकी समूह संस्थापक मुश्ताक अहमद जरगर की संपत्ति कुर्क करने के ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को एक और हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की। NIA ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के सोपोर शहर में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकवादी बासित अहमद रेशी की संपत्ति कुर्क कर ली। गृह मंत्रालय ने हाल ही में पाकिस्तान में बासित रेशी को विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने और लक्षित हत्याओं के समन्वय के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक नामित आतंकवादी घोषित किया था। एनआईए ने सोपोर शहर के डांगरपोरा इलाके में बासित रेशी की संपत्ति कुर्क की। एनआईए का दावा है कि रेशी ने 18 अगस्त, 2015 को सोपोर के पास तुजर शेरिफ में एक पुलिस चौकी पर हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई।

 पाकिस्तान में रहता है बासित अहमद रेशी

बासित अहमद रेशी वर्तमान में पाकिस्तान में रहता है। बासित अहमद रेशी का कई आतंकी संगठनों जैसे हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर ए तैयबा के साथ संबंध है। गृह मंत्रालय के अनुसार, बासित अहमद रेशी हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य है। NIA के अनुसार, 4 मार्च 1996 को जन्मे बासित अहमद रेशी बारामूला जिले केयमबरजलवारी शिवा डांगरपोरा सोपोर का निवासी है। और वह इस वक्त पाकिस्तान में है।

मसूद अजहर के साथ रिहा किया गया था जरगर

गुरुवार को NIA ने अल-उमर आतंकी समूह संस्थापक मुश्ताक अहमद जरगर की संपत्ति कुर्क की थी। मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लट्राम को 1999 में कंधार में अपहृत इंडियन एयरलाइंस की उड़ान 814 (IC 814) के यात्रियों के बदले में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के साथ रिहा किया गया था। लट्राम 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में अपनी भूमिका के कारण सुर्खियों में रहा था।

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