कैसे फेमस हो गए आगरा के पेठे, राजस्थान की दाली-बाटी और मैसूर का पाक जाने इनकी स्टोरी

आगरा के पेठे से लेकर मैसूर पाक और जलेबी खाने में जितना स्वादिष्ट होता है. उनका इतिहास भी उतना ही रोचक है. अगर आप इनकी कहानी नहीं जानते हैं तो आप कुछ मिस कर रहे हैं.

आगरे का पेठा: आगरा का पेठा बहुत मशहूर है. इसका जन्म मुगल साम्राज्य के समय का बताया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसका आविष्कार ताजमहल के निर्माण से जुड़ा है. जब ताज महल का बनाया जा रहा था, तब लगभग 21,000 श्रमिक हर रोज सिर्फ दाल और रोटी खाते थे. रोज एक ही तरह के सादे भोजन को खाकर मजदूर भी ऊब चुके थे, तब मुगल सम्राट शाहजहां ने मास्टर आर्किटेक्ट उस्ताद ईसा एफेंदी से ये चिंता जाहिर की थी. उस्ताद ने पीर नक्शबंदी साहब को यह परेशानी कह सुनाई और उसका जल्दी ही कोई समाधान निकालने का अनुरोध किया. बताया जाता है कि एक दिन प्रार्थना के दौरान पीर बेहोश हो गए थे और उस दौरान उन्हें पेठा बनाने की विधि का सुझाव आया था. तब करीब 500 रसोइयों ने मजदूरों के लिए पेठा बनाया था. अब यह मशहूर हो चुका है.

जलेबी: जलेबी की उत्पत्ति पश्चिम एशिया से हुई है. मध्यकालीन युग में फारसी भाषी आक्रमणकारी इसे भारत में लाए थे. हालांकि, हिंदू धर्म ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है. इसे संस्कृत में 'कुंडलिका' और 'जलावल्लिका' कहा जाता था.

दाल बाटी: दाल बाटी और चूरमा राजस्थान का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है. यह जयपुर, मेवाड़, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर और उदयपुर में सबसे खाया जाने वाला व्यंजन है. यह राजस्थान की पहचान है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कैसे इसे बनाने की विधि का जन्म हुआ, तो आपको बता दें कि आज हर राजस्थानी के इस पसंदीदा फूड का आविष्कार मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ किले में किया गया था. बाटी घी में डूबाया जाता है. यह गेहूं का आटा होता है. यह एक ऐसा भोजन है जिसे खाने के बाद आपका दिन भर पेट भरा रहता है. इसी वजह से यह मेवाड़ के राजपूतों को युद्ध के दौरान यह भोजन जीवित रहने के लिए दिया जाता था.

दम बिरयानी: इतिहास की माने तो बिरयानी की उत्पत्ति हैदराबाद की है. बिरयानी की उत्पत्ति पर कई कहानियां है, लेकिन अवध की बिरयानी की उत्पत्ति लखनऊ में हुई थी. अवध के नवाब ने भोजन की कमी होने पर अपने क्षेत्र के सभी गरीबों के लिए विशाल हांडी में भोजन पकाने का आदेश दिया था. खाना पकाने की इस कला को 'दम' के नाम से जाना जाने लगा. ऐसा भी माना जाता है कि शुरुआती मध्ययुगीन युग में भारत पर तैमूर के आक्रमण के दौरान बिरयानी पेश की गई थी.

खाजा खाजा ओडिशा की सबसे प्रसिद्ध मिठाई है. इतिहास कि माने तो तकरीबन 2000 साल पहले बिहार के गंगा के मैदानी इलाकों से खाजा बनाने का तरीका सीखा गया था. खाजा का इतिहास मौर्य और गुप्त साम्राज्यों में देखने को मिलता है. अब तो यह बिहार, ओडिशा, झारखंड और आंध्र प्रदेश में भी बेहद मशहूर है.

मैसूर पाक : साउथ इंडिया की फेवरेट और मशहूर स्वीट डिश है मैसूर पाक. इसकी उत्पत्ति 20वीं सदी की शुरुआत में मैसूर पैलेस के किचन में हुई थी. उस समय नलवाड़ी कृष्णराजा वोडेयार का शासन था. पैलेस में शाही रसोइया काकासुर मडप्पा राजा को खुश करने के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खिलाते थे. एक दिन उन्होंने एक ऐसी नई मिठाई बनाई जो बेसन, घी और चीनी से मिलकर बनी थी. राजा तो इसे चखकर इसके स्वाद के दीवाने हो गए. पकवान का नाम पूछे जाने पर, रसोइए ने इस 'मैसूर पाका' नाम दे दिया, जिसके बाद से यह मैसूर पाक कहलाने लगा.
