5G टेक्नोलॉजी आने से कैसे बदल जाएगी कारों की दुनिया, जानिए क्या होंगे बदलाव

5G टेक्नोलॉजी आने से कैसे बदल जाएगी कारों की दुनिया, जानिए क्या होंगे बदलाव
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 हाल ही में भारत में भी आधिकारिक तौर पर 5G टेक्नोलॉजी की घोषणा कर दी गई है. 5G इंटरनेट के मायने केवल अब केवल इंटरनेट सर्फिंग, सोशल मिडिया आदि के प्रयोग भर तक तक ही सीमित नहीं रहेंगे. ये उससे भी चार कदम आगे जाकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव का काम करेगा.

कारों की दुनिया के लिए 5G का पहला मतलब भविष्य में कारों का आपस में जुड़ जाना, जिससे ट्रैफिक और कारों से जुडी किसी भी तरह की जानकारी का नोटिफिकेशन तुरंत मिल जाएगा.

5G कार

वर्तमान में कई कंपनियां C-V2X (Cellular Vehicle-to-Everything) टेक्नोलॉजी पर काम कर रहीं हैं. इसके पूरा होते ही जब ये टेक्नोलॉजी C-ITS (cooperative intelligent transport systems) पर काम करना शुरू कर देंगी, तो इससे भीड़-भाड़ और पॉल्यूशन में कमी आएगी. ये टेक्नोलॉजी भविष्य में ऑटोमैटिक व्हीकल के लिए बेहद इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करने का काम करेगी. ऑटोमैटिक व्हीकल, ट्रैफिक सिग्नल और सड़क पर चल रहे अन्य वाहन 5G नेटवर्क के साथ जुड़कर IoT (Internet-of-things) के जरिये एकसाथ काम करेंगे. इसमें पैदल चलने वाले और साईकिल से चल रहे लोग भी शामिल होंगे.

Nokia के अनुसार 5G इंटरनेट कनेक्टेड व्हीकल रियल टाइम डेटा शेयरिंग जैसी एप्लिकेशंस और हाईडेफिनेशन सेंसर के जरिये जरूरत पड़ने पर डेटा ट्रांसफर जैसे विकल्प दे सकता है. वहीं एक स्वीडिश कंपनी के मुताबिक 5G नेटवर्क के जरिये वाहनों को कुछ ऐसी जगहों पर भेजने में मदद मिलेगी, जहां स्टाफ को भेजना खतरना हो सकता है. लेकिन ऑटोमैटिक वाहन अब भी लोगों की पसंद से काफी दूर हैं, जबकि 5G से जुड़े ऑटोमेटिक वाहनों का ट्रायल काफी पहले से ही शुरू हो चुका है.

5G एक्सपेरिमेंट

स्पेन की एक टनल में कुछ टेलिकॉम कंनियों ने मिलकर 5G ट्रांसमीटर और कुछ सेंसर्स लगाए. इसके बाद इस टनल में जाने वाले ड्राइवर्स को इस टनल में लगे सेंसर द्वारा सड़क पर चल रहे काम, एक्सीडेंट, स्लो व्हीकल वॉर्निग, जाम लगने की संभावना, इमरजेंसी व्हीकल का गुजरना, मौसम की स्थिति और टनल के अंदर अगर कुछ लोग खड़े तब भी नोटिफिकेशन भेजना शुरू का दिया.

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