मुझे गर्व है कि मैं सैनिक स्कूल का छात्र रहा हूँ" - उपराष्ट्रपति
दिल्ली/चित्तौड़गढ़, (हलचल)। सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के कैडेट्स के एक समूह ने आज माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से उपराष्ट्रपति निवास पर भेंट की और अपने अनुभव साझा किए। ये कैडेट्स सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ की अंडर-14 फुलबाल टीम के सदस्य थे जोकि गोलपाड़ा, असम में आयोजित All India Sainik Schools National Football Championship में भाग लेकर लौट रहे थे। इस चैंपियनशिप में चित्तौड़गढ़ की टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है, उपराष्ट्रपति ने टीम के सदस्यों को इस सफलता की हार्दिक बधाई दी।
उपराष्ट्रपति जी स्वयं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने सन 1962 से 1967-68 तक वहाँ शिक्षा प्राप्त की थी। छात्रों से हुई इस आत्मीय मुलाकात के दौरान श्री धनखड़ ने स्कूल के दिनों की अपनी यादों को ताजा किया और छात्रों के साथ अपने स्कूल के दिनों के कई रोचक किस्से साझा किये। उन्होंने छात्रों से सुझाव मांगे कि वे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ की बेहतरी के लिये और क्या कर सकते हैं।
युवाओं के चरित्र निर्माण में सैनिक स्कूलों की भूमिका की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि ये स्कूल भारत के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों में से एक हैं जहां युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुशासन और बेहतरीन शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराया जाता है।
छात्रों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करते हुए श्री धनखड़ ने उनसे कहा कि उन्हें निडर होकर अपने विचार रखने चाहिए और देश की सेवा करनी चाहिए।
इस मुलाकात के पश्चात छात्रों द्वारा माननीय उपराष्ट्रपति जी को स्मृति-चिन्ह, स्कूल कैप और हाथ से बनी उपराष्ट्रपति जी की पेंटिंग भेंट की गयी। इस दौरान श्रीमती (डॉ.) सुदेश धनखड़, उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारीगण और सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के शिक्षक उपस्थित रहे।