आईडी हैक कर फ्रॉड करने वाला आरोपी गुड़गांव से गिरफ्तार, एक अन्य नामजद

आईडी हैक कर फ्रॉड करने वाला आरोपी गुड़गांव से गिरफ्तार, एक अन्य नामजद
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चित्तौड़गढ़। ड्रीम इलेवन ऐप पर दो करोड़ रुपये के विजेता के मोबाइल नम्बर, जीमेल आई.डी. व ड्रीम इलेवन आई.डी. को साइबर ठग द्वारा हैक कर विजेता अनिल साहू के नाम का गुडगाँव में बैंक खाता खुलवा ठगी करने के मामले में एक आरोपी को जिले की साइबर थाना पुलिस ने गुड़गांव से गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस चित्तौड़गढ़ की सजगता से बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर करने से पहले ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके साथी को नामजद किया है। आरोपी जयंत इंडिया निधि लिमिटेड मिनी बैंक के दोनों डायरेक्टर से मिलीभगत कर ठगी करते थे।      पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि ड्रीम इलेवन ऐप्प पर दो करोड़ रुपये जीतने वाले काराखेडी थाना चंदेरिया निवासी अनिल पुत्र नारायण लाल साहु के मोबाइल नम्बर, जीमेल आई.डी. व ड्रिम इलेवन आई.डी. को साइबर ठग द्वारा हैक कर उसके ऐप के वॉलेट में पड़े एक करोड 37 लाख 89 हजार 800 रू को ट्रांसफर करवाने हेतु धमकी देने के मामले में साइबर थाना पर प्रकरण दर्ज कर जांच राजाराम गुर्जर पु. नि. द्वारा शुरू की गई। साइबर अपराध को टैक्निकल रूप से ट्रेस करने हेतु साइबर थाने व साइबर सैल की टीम ने कार्य करना आरम्भ कर तुरंत ड्रीम इलेवन ग्रीवेन्स अधिकारी से सम्पर्क किया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक दुष्यन्त के निर्देश व थानाधिकारी बद्रीलाल डीएसपी के सुपरविजन में साइबर थाना के पुलिस उप-निरीक्षक लोकपाल सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कानि. रामनिवास, साइबर सैल के रामावतार व गणपत की एक साइबर पुलिस टीम गठित कर तुरन्त संदिग्ध मोबाइल नम्बरों की लोकेशन पर उनकी तलाश हेतु गुडगांव हरियाणा भेजा गया। टीम द्वारा संदिग्ध मोबाइल नम्बरों व साईबर टेक्नीकल जानकारी के आधार पर साइबर पुलिस टीम लेजीवेली पॉर्क गुड़गांव पहुँच वहां बैठे सभी व्यक्तियों से पुछताछ करना प्रारम्भ किया। जहां पेड़ के नीचे बैठा एक लड़का भागने लगा जिसे पुलिस टीम ने रोक कर पकड़ा। जिससे भागने का कारण पुछने पर पुलिस द्वारा पकड़े जाने की शंका पर भागना बताया। नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम उत्तर प्रदेश के ग्राम गढी बरबारी तहसील छाता जिला मथुरा निवासी लोकेश जाट पुत्र मुकेश जाट बताया। पुलिस पूछताछ में लोकेश जाट ने अपने एक अन्य साथी हरियाणा के ग्राम नंगली पाचंकी जिला पलवल निवासी संदीप रावत पुत्र होशियार सिंह रावत के साथ मिलकर अनिल साहु द्वारा ड्रीम इलेवन में फर्स्ट प्राइज 2 करोड़ रुपये जीतने की जानकारी होने व ड्रीम इलेवन की फर्जी ई-मेल आईडी बना उस पर केवाईसी मंगवा अनिल की सिम को ड्रीम इलेवन के 2 करोड़ रुपये हड़पने के लिए एयरटेल में पोर्ट करवाना बताया है। आरोपी लोकेश जाट व संदीप रावत साइबर फ्रॉड करने में बराबर के पार्टनर है। जिन्होंने पहले भी कई बार ड्रीम इलेवन में रुपये जीतने वालों के साथ सीम पोर्ट करवाकर उनके जीते हुये रुपयों का फ्रॉड किया है। आरोपी ने गहन पूछताछ के दौरान उन्होंने ड्रीम इलेवन कॉटेस्ट में जीतने वालों की केवाईसी फर्जी ई-मेल आईडी पर मंगवा कर उसकी सीम को पोर्ट कर ड्रीम इलेवन आईडी के वॉलेट से जीता हुआ रुपया उनके खाते में भेज कर निकाल लेना बताया है। बिना केवाईसी कन्फर्म किये बैंक खाता खोलकर रुपये निकालने वाले बैंक के बारे आरोपी से साइबर टीम द्वारा पूछने पर उसने जयंत इंडिया निधि लिमिटेड मिनी बैंक के दोनों डायरेक्टर से मिलीभगत होना बताया। जो केवाईसी के आधार पर खाता खोलते है और खाते में रुपया आने पर पचास प्रतिशत अपने पास रखते है और पचास प्रतिशत आरोपियों को दे देते है। जिन्हें लोकेश और संदीप दोनों आधा आधा बंटवारा कर लेते हैं। अनिल साहु का फर्जी खाता भी बैंक के डायरेक्टर निरंजन वर्मा ने ही आरोपियों के बैंक जयंत इंडिया निधि लिमिटेड गुडगांव सेक्टर-12 में ही खोला है। अनिल साहू का ड्रीम इलेवन के वॉलेट में पड़े 1 करोड़ 37 लाख 89 हजार रुपये उसी खाते में ट्रांसफर करने से पहले पुलिस आ गयी अन्यथा अनिल साहू का ड्रीम इलेवन के वॉलेट में पड़े 1 करोड 37 लाख 89 हजार रुपये अनिल साहू के नाम से खोले हुये फर्जी बैंक खाते में डाल देते। साईबर पुलिस टीम ने लोकेश जाट को साथ लेकर बैंक जयंत इंडिया निधि लिमिटेड गुडगांव सेक्टर-12 पहुँचकर मामले के प्रार्थी अनिल साहु के बैंक खाते की डिटेल चाही तो वहाँ अनिल साहू का बैंक खाता खुला हुआ पाया व उसकी केवाईसी भी ऑरिजनल ही लगी हुयी मिली। प्रकरण के संदिग्ध लोकेश जाट को साइबर पुलिस टीम साथ लेकर पुलिस थाना साइबर चित्तौड़गढ़ पर आये व प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी राजाराम पुलिस निरीक्षक को सुपुर्द किया। लोकेश जाट से गहन पूछताछ कर मामले में आरोपी होने से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की तलाशी में प्रकरण के प्रार्थी अनिल साहू चित्तौडगढ़ का आधार कार्ड व पेन कार्ड की कॉपी मिली व साथ ही दो स्मार्ट मोबाइल फोन भी मिलें। जिनमें साइबर फ्रॉड करने के प्रकरण से संबंधित सभी साक्ष्य प्राप्त हुये। जिसका अभी भी गहन अनुसंधान राजाराम पु.नि. के नेतृत्व में औंकार सिंह उ.नि व उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जावेगा।
 

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