डबल इंजन से मिले 1000 करोड़ तो राजस्थान में दौड़ेगी उद्योगों की गाड़ी, डीएमआईसी को फायदा

डबल इंजन से मिले 1000 करोड़ तो राजस्थान में दौड़ेगी उद्योगों की गाड़ी, डीएमआईसी को फायदा
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से महाराष्ट्र जा रहे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) के अब राजस्थान में भी ‘डबल इंजन के पंख’ लगने की उम्मीद बंधी है। राजस्थान में औद्योगिक विकास की रीढ़ कही जा रही इस परियोजना के करीब एक हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से आने हैं। केंद्र के साथ राज्य में अब भाजपा की सरकार आने के बाद यह राशि जल्द मिलने की उम्मीद है।

नौकरशाही के साथ पहली उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी इस परियोजना के प्रति सकारात्मक संकेत दिए हैं। इस परियोजना के तहत राज्य में दो विशेष निवेश क्षेत्र प्रस्तावित हैं। इनमें से एक एनसीआर में खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराणा विशेष विनिधान क्षेत्र (केबीएनआईआर) और पश्चिमी राजस्थान में जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (जेपीएमआईए) हैं। पिछली वसुंधरा राजे सरकार में इस परियोजना पर काम शुरू हुआ था। केबीएनआईए परियोजना के तहत राज्य सरकार 558.67 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर 500 करोड़ रुपये का मुआवजा बांट चुकी। अब केंद्र के राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) के ट्रस्ट से केंद्रीय हिस्सेदारी के तौर पर करीब 500 करोड़ रुपये और लोन के तौर पर 150 करोड़ रुपये मिलने हैं। वहीं, तीन चरणों में विकसित होने वाले जेपीएमआईए के पहले चरण में 638 हेक्टेयर सरकारी जमीन राज्य सरकार ने समर्पित कर दी है। इसकी हिस्सेदारी के तौर पर एनआईसीडीसी से 322.80 करोड़ रुपये और लोन के तौर पर 105 करोड़ रुपये आने हैं। दिसंबर 2022 की बैठक में निगम ने इसको मंजूरी तो दी लेकिन यह राशि अभी राज्य को मिलनी शेष है।

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