पेट ठीक से साफ नहीं होता तो जरूर खाएं फॉक्स नट्स, कब्ज और अपच की होगी छुट्टी

पेट ठीक से साफ नहीं होता तो जरूर खाएं फॉक्स नट्स, कब्ज और अपच की होगी छुट्टी
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 हर मौसम में करें फॉक्स नट्स का सेवन. ना तो आपको कब्ज होगा और ना ही शरीर में खून की कमी होगी. क्योंकि ये ड्रायफ्रूट्स आयरन से भरपूर होते हैं...

कब्ज अपने आपमें तो एक समस्या है ही लेकिन यदि इसका समय पर समाधान ना किया जाए तो यह कई बड़ी बीमारियों की वजह भी बन जाता है. इसलिए कब्ज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. आमतौर पर कब्ज की समस्या लाइफस्टाइल से जुड़े कारणों के चलते और डायट   संबंधी लापरवाही के कारण होती है. लेकिन कई बीमारियों की वजह से भी ऐसा हो जाता है. 

कब्ज की समस्या से बचने और इसे कट्रोल करने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने खान-पान में ऐसे फूड्स को अधिक मात्रा में शामिल करें, जो फाइबर रिच हों और न्यूट्रिशन से भी भरपूर हों. ऐसा ही एक फूड है फोक्स नट्स , जिसे हम भारतीय लोग मखाना कहते हैं. इसका सेवन कैसे करना चाहिए, कितनी मात्रा में करना चाहिए और कब करना चाहिए, जैसे सभी जरूरी सवालों का जवाब आपको यहां दिया जा रहा है...

सुपर हेल्दी स्नैक्स है मखाना

हेल्दी स्नैक्स की जब भी बात आती है, फ्राई किए हुए मखाने इसमें जरूर शामिल होते हैं. मखाना खाने से क्रेविंग भी शांत हो जाती है और शरीर के एक्स्ट्रा फैट का बोझ भी नहीं उठाना पड़ता. ये एक बड़ी वजह है कि फिटनेस फ्रीकर्स की डायट में मखाना एक मेन फूड की तरह होता है. हमारे देश में मखाना भूनकर खाने के साथ ही स्वीट्स और डेजर्ट्स बनाने के काम में लिया जाता है.

मखाना कब और कितनी मात्रा में खाएं?

मखाना एक ड्राई फ्रूट है लेकिन इसकी तासीर ठंडी होती है. हालांकि सर्दियों में भी इसका सेवन किया जाता है. क्योंकि ये फाइबर, आयरन और प्रोटीन रिच होता है. दूध के साथ कई तरह के पकवान बनाने में इसका उपयोग होता है. ये तो हुई मखाना खाने के तरीकों की बात. 

अब सवाल है कि एक दिन में कितना मखाना खाएं?

मखाना वजन में भले ही बहुत हल्का होता है लेकिन पौष्टिकता में मामले में भरपूर होता है. आप हर दिन 2 से 3 मुट्ठी मखाना खा सकते हैं. यदि वजन की बात की जाए तो यह लगभग 20 से 25 ग्राम होगा. मखाने का सेवन यदि दूध के साथ किया जाए तो और भी अच्छा होता है. क्योंकि इससे दूध और मखाना दोनों के पौषण संबंधी गुण बढ़ जाते हैं. इसलिए आप मखाना मिल्क या मखाने की खीर का सेवन कर सकते हैं.

कब्ज से कैसे बचाता है मखाना?

  • मखाना फाइबर से भरपूर होते हैं. पाचन के लिहाज से फाइबर ऐसे तत्व होते हैं, जो पेट को जल्दी भरा-भरा फील कराते हैं और आसानी से पच जाते हैं. यानी इन्हें पचाने के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती लेकिन इनके पाचन में समय अधिक लगता है इसलिए पेट देर तक भरा रहता है और आपको फालतू चीजें खाने की क्रेविंग नहीं होती है.
  • मखाना आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन्स से भरपूर होता है, जो शरीर की न्यूट्रिशन की कमी को पूरा करते हैं और आंतों को अंदर से हेल्दी रखने में मदद करते हैं.
  • फाइबर रिच होने के कारण मखाना खाने वाले लोगों की आंतों में मल (Stool) जमा नहीं हो पाता है. इसलिए मखाना खाने वाले लोगों का पेट साफ रहता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है. 
  • हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं कि आप अपने पेट की सेहत को मखाने के भरोसे छोड़ दें. अधिक मात्रा में मखाने का सेवन नुकसान दे सकता है. इसलिए पूरी डायट को हेल्दी रखें और ऐक्टिव रहें. जो लोग शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहते हैं, उन्हें ऐसा ना करने वाले लोगों की तुलना में कब्ज अधिक होता है.
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