जिंदगी की नाव में छेद हो जाने पर डूब जाती दुःख के समुंदर में-समकितमुनि
भीलवाड़ा BHN. इंसान की तृष्णा कभी शांत नहीं होती है। इस दुनिया का जितना विनाश इंसान ने किया है उतना किसी ने नहीं किया है। इंसान अपने स्वार्थपूर्ति के लिए गलत निर्णय करता है। जब जिंदगी की नाव में छेद हो जाए तो वह दुःखों के समुंदर में डूब जाती है। ये नाव डूबेगी या पार होगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस नाव में कितने छेद कर रखे है। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शांतिभवन में मंगलवार को नियमित चातुर्मासिक प्रवचन में व्यक्त किए। उन्होंने बदलती जीवनशैली की चर्चा करते हुए कहा कि नाव में छेद है तो डूबने से नहीं रोका जा सकता है। पहले फटे कपड़े पहनने में शर्म आती थी और फटे हुए कपड़े को ढंकने का प्रयास किया जाता था। आज फटे वस्त्र पहनना फैशन बन गया है। फटे कपड़े पहनना यानि दरिद्रता को आमंत्रण देना है लेकिन इस बात को लोग समझ नहीं पा रहे है। मुनिश्री ने कहा कि पहले दिवालिये कम होते थे लेकिन अब हर जगह मिल जाएंगे। दिवाला निकलने के बाद भी शर्म नहीं आती और कई लोग तो जान-बुझकर स्वयं को दिवालिया घोषित करा देते है। धर्मसभा के शुरू में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने प्रेरक गीत ‘नर तन पाना है मुश्किल बड़ी नाम ले लो घड़ी दो घड़ी’ पेश किया। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में मैसूर, चित्तौड़गढ़ आदि स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत शांतिभवन श्री संघ के वित्त संयोजक मनोहरलाल सूरिया एवं हस्तीमल भलावत ने किया। धर्मसभा का संचालन करते हुए शांतिभवन श्रीसंघ के सहमंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया।
जूनियर जीनियस होने पर मुस्कराता रहेगा घर
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि घर की खुशी सीनियर पर नहीं जूनियर सदस्य पर निर्भर करती है। घर खुश रहेगा या गम में रहेगा ये जूनियर तय करते है। इसीलिए घर का जूनियर जीनियस होने पर घर मुस्काराता रहेगा लेकिन ऐसा नहीं होने पर मुस्कान नहीं रह पाएगी। उन्होंने प्रेरणापूर्ण प्रसंग के माध्यम से समझाया कि जूनियर जीनियस होने पर घर की सारी शंकाओं का समाधान करने के साथ समस्याएं भी दूर कर सकता है। समझदार जूनियर घर के सीनियर की जिंदगी भी बदल देता है।
आगम बत्तीसी रैली से होगा आगम आराधना का आगाज
बदी चतुर्दशी के अवसर पर 24 सितम्बर को सुबह 9 बजे से शांतिभवन में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में लोगस्स पाठ एवं मांगलिक का आयोजन होगा। श्रमण संघीय महामंत्री पूज्य सौभाग्यमुनिजी म.सा. की द्वितीय पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 25 सितम्बर को सामूहिक सामायिक आराधना एवं 27 सितम्बर को गुणानुवाद सभा का आयोजन होगा। इस अवसर पर सामूहिक सामायिक आराधना के तहत 1008 सामूहिक सामायिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह 27 दिवसीय आगम आराधना का आगाज 29 सितम्बर को आगम बत्तीसी रैली के साथ होगा। आगम आराधना के तहत भगवान महावीर की वाणी उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन किया जाएगा। आयम्बिल ओली की आराधना 1 अक्टूबर से शुरू होगी। पिछले 51 वर्ष से एकान्तर आयंबिल तप की आराधना कर रहे पूज्य समुतिप्रकाशजी म.सा. के जन्मोत्सव के दो दिवसीय आयोजन के तहत एक अक्टूबर को सामूहिक आयंबिल तप की आराधना एवं 2 अक्टूबर को गुणानुवाद दिवस का आयोजन किया जाएगा। श्रमण संघीय युवाचार्य महेन्द्रऋषि म.सा. का जन्मोत्सव 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा।